राष्ट्रीय

धर्म परिवर्तन वालों को गांव छोड़ने पर विवश किया
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बिलासपुर, 9 नवंबर। धर्म परिवर्तन करने वाले आदिवासियों के घरों में तोड़फोड़ कर उन्हें गांव छोड़ने के लिये मजबूर करने मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, कोंडागांव के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और याचिकाकर्ताओं की सुरक्षित गांव वापसी की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।
हाईकोर्ट शिवराम पोयम, सुखराम बघेल व 16 अन्य के परिवारों की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि वे कोंडागांव जिले के ककादाबेड़ा, तिलियाबेड़ा व सिंगनपुर गांवों के रहने वाले हैं। सितम्बर 2020 में उन्होंने अपनी मर्जी से इसाई धर्म को अपना लिया और इसकी सूचना थाने में दी। एक बैठक लेने के बाद गांव वालों ने 22 व 23 सितम्बर को उनके घरों में हमला कर दिया। हमले में उनके घरों को काफी नुकसान पहुंचा। पुलिस को शिकायत करने पर कार्रवाई नहीं हुई तो 12 अक्टूबर को पीड़ितों ने कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा। इसके बाद 14 अक्टूबर को शिवराम पोयम व अन्य को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद एसडीएम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। बाद में शिवराम को फिर साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया लेकिन उसे फिर न्यायिक मजिस्ट्रेट से जमानत मिल गई। गांव वालों ने याचिकाकर्ताओं को डराया-धमकाया कि उन्हें गांव छोड़कर जाना पड़ा। दहशत के कारण वे अपने घर नहीं लौट पा रहे हैं। हाईकोर्ट में जस्टिस पी. सैम कोशी की कोर्ट में शासन की ओर से जवाब दिया गया कि याचिकाकर्ताओं को सुरक्षित घर भेजने व उनकी सम्पत्ति को नुकसान से बचाने की व्यवस्था की जा रही है।