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इंदिरा गांधी में थोड़ी शर्म थी, मौजूदा हुकूमत में वो भी नहीं है-अरुण शौरी
03-Nov-2020 12:51 PM
इंदिरा गांधी में थोड़ी शर्म थी, मौजूदा हुकूमत में वो भी नहीं है-अरुण शौरी

नई दिल्ली, 3 नवंबर। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे अरुण शौरी मौजूदा सरकार के खिलाफ खासे मुखर रहे हैं और कई बार सरकार के कामकाज पर सवाल उठा चुके हैं। अब द इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में एक बार फिर अरुण शौरी ने केन्द्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। 

अरुण शौरी ने मौजूदा सरकार की तुलना पूर्व की इंदिरा गांधी सरकार के कार्यकाल से करते हुए कहा कि श्रीमती (इंदिरा गांधी) गांधी में कई खासियतें थीं जैसे कि उनमें शर्म थी। लेकिन मौजूदा सरकार में वह भी नहीं है। इस सबकी शुरुआत पूर्व कानून मंत्री पी.शिवशंकर के समय से हुई थी, जहां समर्पित न्यायपालिका और समर्पित नौकरशाही थी। इंदिरा गांधी ने तीन जजों को बर्खास्त कर दिया था। जिससे ऐसी धारणा बन गई कि अगर आप वैसा नहीं करोगे, जैसा हम चाहते हैं तो हम उसी के अनुसार कार्रवाई करेंगे। 

पूर्व मंत्री ने कहा कि मुझे लगता है कि कई बड़े पेड़ कुल्हाड़ी से काटे जाने के बजाय धीरे-धीरे दीमक की वजह से ही गिर जाएंगे। ऐसे में हम नागरिकों को समय रहते जागना पड़ेगा। न्यायपालिका के मामले में हमें जवाबदेही तय करनी होगी और यह लगातार फैसलों का विश्लेषण करने से होगी।

अरुण शौरी ने कहा कि मुझे लगता है कि मौजूदा सरकार में जो कुछ हो रहा है, वह बीते 40 सालों का प्रतिफल है। यह सोचने पर विवश कर रहा है कि संस्थान, जांच एजेंसियां और पुलिस सभी सीएम की निजी सेना बन गए हैं। साथ ही जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट का व्यवहार रहा है। कई मामलों में उनकी प्राथमिकताओं को इस बात से समझा जा सकता है कि उनके पास अर्नब गोस्वामी और सुशांत सिंह राजपूत के लिए समय है लेकिन कश्मीर या प्रवासियों के लिए नहीं? 

अरुण शौरी ने कहा कि यह सरकार संस्थानों को कमजोर करने की प्रक्रिया को तेज कर रही है क्योंकि ये चीजों को इस्तेमाल करने के मामले में बेशर्म हैं। लेकिन समस्या कहीं ज्यादा गहरी है। समय के साथ सभी संस्थानों जैसे संसद, विधायिका, नौकरशाही, न्यायपालिका और मीडिया का क्षरण हो रहा है।

ये हालात लोगों को मजबूर कर रहे हैं कि वह नियमों को बदल दें। आज का नियम है कि मेरे कोई नियम नहीं है। क्योंकि यह एक लंबी प्रक्रिया है इसलिए समस्या की जड़े कहीं ज्यादा गहरी हैं।


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