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छत पर सुखा रहे थे एक क्विंटल से ज्यादा देसी बम, 6 महिलाएं गिरफ्तार
01-Nov-2020 3:23 PM
छत पर सुखा रहे थे एक क्विंटल से ज्यादा देसी बम, 6 महिलाएं गिरफ्तार

निखिल अग्रवाल

मेरठ, 1 अक्टूबर। अब तक छत के ऊपर आपने आलू के चिप्स और पापड़ सूखते हुए देखे होंगे, लेकिन आज एक ऐसी तस्वीर दिखाते हैं, जिसे देखकर आप दांतों तले उंगली दबा लेंगे। जी हां, यह तस्वीर मेरठ की है, जहां दिवाली में बिक्री के लिए देसी बम को छतों पर सुखाया जा रहा है। एक क्विंटल से ज्यादा इन देसी बमों को छत पर सुखाया जा रहा था ताकि दीपावली पर जब इन्हें फोड़ा जाए तो धमाका तगड़ा हो। इस मामले में पुलिस ने 6 महिलाओं को भी गिरफ्तार किया है।

दरअसल, मेरठ के एक मकान में धमाके के बाद पुलिस ने अवैध पटाखा बनाने वाले को खिलाफ अभियान छेड़ दिया है। जिसके चलते मेरठ में देसी पटाखा फैक्ट्री पर ताबड़तोड़ छापेमारी की गई। मेरठ के थाना मवाना, सरधना, परीक्षितगढ़ और रावण इलाके में पटाखा फैक्ट्री पर छापेमारी की गई, जहां से लाखों रुपए की कीमत के पटाखे बरामद किए गए। कुछ पटाखे तस्करी करके हरियाणा और दूसरे राज्यों से लाए गए है। लेकिन मवाना की एक तस्वीर ऐसी है जिसने पुलिस को भी हैरान कर दिया। एक बंद मकान में महिलाओं ने पटाखा बनाने का कुटीर उद्योग चला रखा था।

बंद मकान में चल रही थी फैक्ट्री
पुलिस की निगाहों से छुपने के लिए एक बंद मकान को पटाखों का कारखाना बना दिया गया और उसकी छतों पर पटाखे सूखने के लिए रखे गए। बारूद, रंग, कांच के साथ-साथ कई ऐसे हानिकारक पदार्थ मिलाकर यह पटाखे तैयार किए जाते हैं। हैरानी की बात यह है कि यह बारूद इतना खतरनाक है कि अगर धमाका हुआ तो आसपास के कई घर जमींदोज हो जाएंगे। लेकिन इस सबसे बेपरवाह होकर मुनाफा कमाने का लालच में इन लोगों को यह अवैध गोरखधंधा करने पर मजबूर कर देता है।

6 महिलाएं गिरफ्तार
पुलिस ने अलग-अलग जगहों पर छापा मारकर कई लोगों को गिरफ्तार किया है। बात करें अगर मेरठ के मवाना थाना क्षेत्र की तो यहां 6 महिलाओं को भी गिरफ्तार किया गया है। वहीं पटाखा फैक्ट्री का मालिक रिजवान अभी फरार है। पुलिस ने लाखों रुपए के पटाखे जब्त कर लिए। लेकिन हैरानी की बात यह भी है कि दीपावली के समय ही पुलिस को पटाखा फैक्ट्रियों पर कार्रवाई की याद आती है। पूरे साल इन पटाखा फैक्ट्रियों में लोगों की जान से खिलवाड़ करते हुए पटाखे तैयार किए जाते हैं। मेरठ और आसपास के जिलों में यह पटाखे मोटे मुनाफे में बेचे भी जाते हैं। लेकिन शायद हादसा होने के बाद ही पुलिस जागती है और उच्च अधिकारियों के आदेशों के बाद ऐसी देसी पटाखा फैक्ट्रियों पर कार्रवाई की जाती है।


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