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विधानसभा की समिति के समक्ष पेश नहीं हुए फेसबुक के अधिकारी
15-Sep-2020 7:23 PM
विधानसभा की समिति के समक्ष पेश नहीं हुए फेसबुक के अधिकारी

नई दिल्ली, 15 सितम्बर (आईएएनएस)| दिल्ली विधानसभा की शांति एवं सद्भाव समिति के समक्ष फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजीत मोहन पेश नहीं हुए। उन्हें समिति ने 15 सितंबर को पेश होने के लिए समन किया था। घृणा फैलाने वाले नियमों को लागू करने में जानबूझ कर निष्क्रियता के आरोपों में फेसबुक प्रबंध निदेशक को समन किया गया था। दिल्ली विधानसभा की शांति एवं सद्भाव समिति के अध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा, "प्रमुख गवाहों के बयानों के साथ-साथ उनकी तरफ प्रस्तुत की गई सामग्री व रिकॉर्ड में दोषी ठहराए जाने के आधार पर फेसबुक को समन जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने उल्टा कमेटी को ही हिदायत दी है कि हम नोटिस को वापस ले लें। फेसबुक का कहना है कि यह मामला संसद की एक कमेटी के समक्ष विचाराधीन है। वैसे भी दिल्ली में कानून व्यवस्था केंद्र का विषय है, इसलिए हमें इसमें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।"

विधायक राघव चड्ढा की अध्यक्षता वाली समिति ने फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अजीत मोहन को 15 सितंबर को समिति के सामने उपस्थित होने के लिए नोटिस दिया था। समिति के मुताबिक ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि फेसबुक पर लगे आरोपों की जांच की जा सके।

राघव चड्ढा ने कहा, "गवाहों की तरफ से प्रस्तुत किए गए मजबूत साक्ष्य के संबंध में समिति का मानना है कि फेसबुक को दिल्ली दंगों की जांच में सह-अभियुक्त के रूप में आरोपित किया जाना चाहिए।"

राघव चड्ढा ने कहा, "दुख के साथ बताना चाहूंगा कि फेसबुक के अधिकारियों ने एक पत्र के जरिए अपना जवाब भेजा है। फेसबुक में नोटिस दिए जाने पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है और कहा है कि दिल्ली विधानसभा की कमेटी अपना नोटिस वापस ले ले।"

समिति ने अपने अध्यक्ष राघव चड्ढा के माध्यम से अब तक चार अत्यंत महत्वपूर्ण गवाहों की जांच की है। जिनमें प्रख्यात लेखक परांजॉय गुहा व डिजिटल अधिकार कार्यकर्ता निखिल पाहवा शामिल हैं।

समिति के मुताबिक परांजॉय गुहा ने स्पष्ट रूप से बयान दिया कि फेसबुक प्लेटफॉर्म उतना नास्तिक और कंटेंट न्यूट्रल नहीं है, जितना कि वह होने का दावा करता है। साथ ही फेसबुक पर एक अपवित्र सांठगांठ का आरोप लगाया गया है।


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