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नागांव, 3 अप्रैल इजराइल के 47 वर्षीय एक नागरिक ने असम के सामाजिक, सांस्कृतिक और धर्म सुधारक श्रीमंत शंकरदेव द्वारा स्थापित वैष्णव संप्रदाय को अपना लिया और कलियाबोर में उन्हें औपचारिक रूप से 'सत्र' में शामिल किया गया।
'सत्र' वैष्णव संप्रदाय के अंतर्गत आने वाले मठ होते हैं।
शंकरदेव दर्शन के विद्वान डॉ. संजीब बोरकाकोटी ने कहा कि थाइलैंड के अंतरराष्ट्रीय बौद्ध कॉलेज के प्रोफेसर एडगर फैनगोर वैष्णव पंथ का हिस्सा बने हैं, जो किसी विदेशी नागरिक द्वारा पहली बार हुआ है।
उन्होंने कहा कि प्रोफेसर ने बालीसत्र में 'एक शरण नाम धर्म' पंथ का हिस्सा बने।
बोरकाकोटी ने कहा कि बघारगांव सतरा हीरू प्रसाद महंत के सत्राधिकारी ने पंथ में शामिल होने वाले इस समारोह को संपन्न कराया और फैनगोर का नाम मंगलवार को बदलकर कृष्ण शरण भक्त रख दिया गया।
ऐसा दावा किया जाता है कि फैनगोर ने कई देशों का भ्रमण कर लगभग सभी धर्मों का अध्ययन किया है और बाद में बौद्ध धर्म अपना लिया था।
मॉस्को में जन्में फैनगोर बोरकाकोटी के संपर्क में आए और शंकरदेव पर उनके सभी अंग्रेजी लेखों का अध्ययन किया। (भाषा)