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बेंगलुरु, 13 जनवरी अपने बेटे की हत्या करने और शव को सूटकेस में भरकर ले जाने के आरोप में बेंगलुरु स्थित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) स्टार्ट-अप कंपनी की 39 वर्षीय सीईओ सूचना सेठ की गिरफ्तारी की खौफनाक जानकारी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है।
इस मामले ने एक बहस छेड़ दी है और कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि एक मां कैसे निर्दयी हत्यारी बन सकती है। बेंगलुरु में तकनीशियनों द्वारा पति-पत्नी और अपने बच्चों की भयानक क्रूरता के साथ क्रूर हत्याएं देखी जा रही हैं, जिससे 'एजुकेशन सिस्टम' पर सवाल उठ रहे हैं।
6 अगस्त, 2023 को 31 वर्षीय सॉफ्टवेयर कर्मचारी वीरार्जुन विनय ने बेंगलुरु में आत्महत्या करने से पहले अपनी पत्नी हेमावती (29) और दो बेटियों मोक्ष मेघनयन (2) और आठ महीने की सृष्टि सुनयना की हत्या कर दी थी।
ये सभी बेंगलुरु के टेक कॉरिडोर स्थित सीगेहल्ली के साई गार्डन अपार्टमेंट में रहते थे। आंध्र प्रदेश के मूल निवासी विनय ने छह साल पहले हेमवती से शादी की और शहर स्थित एक सॉफ्टवेयर कंपनी में टीम लीड के रूप में काम किया।
12 जनवरी 2011 को व्यावसायिक जटिलताओं और अवसाद के कारण इंफोसिस में काम करने वाले 31 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर संतोष सारडे ने अपनी डेढ़ साल की बेटी रिया की हत्या करने के बाद आत्महत्या कर ली थी।
संतोष ने कथित तौर पर तौलिया से रिया का गला घोंट था, बाद में उसने उसी कमरे में पंखे से लटककर जान दे दी थी।
बताया जाता है कि तकनीकी विशेषज्ञ शराब के नशे में था और अवसाद के कारण 16 मई को अपने काम से इस्तीफा देकर यह कदम उठाया।
28 नवंबर 2022 को बेंगलुरु पुलिस ने एक 45 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर को गिरफ्तार किया, जिसने कथित तौर पर अपनी दो साल की बेटी की हत्या कर दी। उसने दावा किया था कि उसके पास उसे खिलाने के लिए पैसे नहीं थे।
आरोपी राहुल परमार गुजरात का मूल निवासी है। उसने अपनी बेटी की हत्या करने के बाद अपना जीवन समाप्त करने का प्रयास किया था। पुलिस के पकड़ने से पहले वह कर्नाटक में था।
20 अगस्त 2023 को एक भारतीय तकनीकी विशेषज्ञ दंपत्ति योगेश एच नागराजप्पा और प्रथिबा वाई अमरनाथ अपने छह वर्षीय बच्चे यश होन्नाल के साथ दोहरे आत्महत्या-हत्या के एक संदिग्ध मामले में अमेरिकी राज्य मैरीलैंड में मृत पाए गए थे।
मूल रूप से कर्नाटक का रहने वाला यह परिवार अपने बाल्टीमोर काउंटी स्थित घर में बंदूक की गोली के घाव के साथ मृत पाया गया था। माना जाता है कि यह घटना दोहरी हत्या-आत्महत्या है, जिसे नागराजप्पा ने अंजाम दिया।
सूचना सेठ के मामले पर वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक डॉ. ए श्रीधर ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि इसे एक पति के प्रति पीड़ा, हताशा, आक्रोश और उसे चोट न पहुंचा पाने की लाचारी के रूप में देखा जा सकता है। उसने अपने बेटे की हत्या करके उसे सबक सिखाने का फैसला लिया, ऐसा कहा जा सकता है।
यह एक तरह से जीवनसाथी के हिंसक और आक्रामक व्यवहार का असर बच्चे पर भी पड़ सकता है। एक माता-पिता के रूप में, एक बार जब आप ऐसी मानसिकता में आ जाते हैं तो परिस्थितियों में प्यार और करुणा कोई मायने नहीं रखते।
इस मामले को देखते हुए, इसे एक मानसिक बीमारी कहा जा सकता है। क्योंकि उनमें सामान्य इंसानों की तरह प्यार और सहानुभूति की भावनाएं नहीं होती हैं। वे मानसिक स्थिरता के कमजोर पक्ष में होते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि यहां महत्वपूर्ण बात यह है कि बच्चे की जान अपने पिता के प्रति गुस्से के कारण गई। महिला ने गुस्सा अपने बच्चे पर निकाला। वह कभी मां नहीं बनीं। महिला स्वाभाविक रूप से बच्चे के लिए इच्छुक नहीं थी, लेकिन उसे बच्चा मिल गया। शायद, महिला को शादी इतनी न पसंद थी कि उसने साथी को दंडित करने के लिए अपने बच्चों की मारना ही बेहतर समझा।
श्रीधर ने यह भी बताया कि चाहे वे कितने भी शिक्षित या बुद्धिमान ही क्यों न हों, बुनियादी मानवता हमारी शिक्षा प्रणाली द्वारा नहीं सिखाई जा रही है।
हमारी शिक्षा प्रणाली में किसी को चोट पहुंचाने और पीड़ा पहुंचाने के ट्रेंड पर रोक लगाने की कमी है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन्होंने हार्वर्ड में अध्ययन किया है या नहीं। वे बहुत अमीर हो सकते हैं। अंदर से उन्हें भावनाओं और मानवता के बारे में नहीं सिखाया जाता है।
इस तरह का व्यवहार छोटी उम्र से विकसित होता है। शैक्षणिक उत्कृष्टता इसे छुपा देती है। इस मामले में एक मां द्वारा अपने बच्चे को मारने से अधिक, अद्भुत क्षमता वाली एक शिक्षित महिला, जिसमें बुनियादी धैर्य, करुणा, प्रेम और सहानुभूति का अभाव है, उनकी शिक्षा ने उन्हें विफल कर दिया है।
--आईएएनएस