राष्ट्रीय

13 दिसंबर को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले मोहन यादव एक्शन में आ गए हैं. बीते दिनों मांस-अंडा खुले में बेचने पर प्रतिबंध लगाने के बाद उनकी सरकार ने पहली बुलडोजर कार्रवाई की है.
अंग्रेजी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव के पद संभालते ही राज्य की बीजेपी सरकार ने तीन घरों पर बुलडोजर चलवाया है, ये तीन वो लोगों हैं जिन पर बीजेपी के एक कार्यकर्ता पर हमले करने का आरोप है.
मध्य प्रदेश की नई सरकार ने दो दिनों के भीतर ही पहली बुलडोजर कार्रवाई की है.
इससे एक दिन पहले सीएम मोहन यादव ने आदेश जारी कर लाउडस्पीकर और डीजे के धार्मिक समारोहों और सार्वजनिक जगहों पर तय आवाज़ से अधिक होने पर रोक लगाई थी.
इसी के साथ मीट की ग़ैरकानूनी दुकानों या खुले में मीट या अंडे बेचने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है और इसके खिलाफ़ नई सरकार ‘कड़ा कैंपेन’ चला रही है.
गुरुवार को मीट की 10 दुकानों को तोड़ दिया गया.
अख़बार लिखता है कि पुलिस ने बताया है कि पांच दिसंबर को बीजेपी के ‘झुग्गी झोपड़ी सेल के मंडल महासचिव’ देवेंद्र सिंह ठाकुर पर चुनाव नतीजों पर बहस के बाद फ़ारुख़ नाम के व्यक्ति ने कथित तौर पर तलवार से हमला किया था.
पुलिस का कहना है कि अपना बचाव करते हुए 'देवेंद्र सिंह ठाकुर को हाथ में चोट आई थी.'
इस घटना के बाद बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता ठाकुर से मिलने अस्पताल गए थे, और अभियुक्त के खिलाफ़ कड़ी कार्रवाई कराने की मांग की थी.
फ़ारुख़ के आलावा पुलिस ने इस मामले में चार अन्य लोग-असलम, शाहरुख, बिलाल और समीर को भी गिरफ़्तार किया है.
हबीबगंज पुलिस स्टेशन के प्रभारी मनीष राज सिंह भदोरिया ने कहा, “हमने मामले में अभियुक्त तीन लोगों के घरों पर बुलडोज़र चलाए हैं. ये कार्रवाई उल्लंघन पाए जाने के बाद की गई है."
"चुनाव परिणामों पर एक-दूसरे पर ताने कसने के बाद इनके बीच हिंसक टकराव हुआ था. फ़ारुख़ का आपराधिक रिकॉर्ड है और उसके खिलाफ एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम) लगाया गया है.”
वहीं, मांस की दुकानों पर की गई कार्रवाई के बारे में विस्तार से बात करते हुए उज्जैन नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त राधे श्याम मंडलोई ने कहा, “आदेश के मुताबिक बिना अनुमति के मांस-मछली की बिक्री नहीं की जा सकेगी."
उन्होंने कहा, "नगझर क्षेत्र में खुले में मांस बेचने वाली 10 दुकानों पर कार्रवाई की गई है. कुछ दुकानें जो सड़कों के पास थीं उनको भी डैमेज हुआ है. टीमें अन्य सेक्टरों में भी काम कर रही हैं.”
जूते मॉडिफ़ाई कराए ताकि कलर बम छिपा सकें
बुधवार को संसद की सुरक्षा में हुई भारी चूक ने देश को हैरान कर दिया. दो लोगों ने संसद के अंदर पहुंचकर पीले रंग का धुंआ छोड़ा, दो लोगों ने बाहर में ऐसा किया.
हिंदुस्तान टाइम्स ने प्रदर्शनकारियों को लेकर पहले पन्ने पर एक रिपोर्ट छापी है.
रिपोर्ट के अनुसार, संसद की सुरक्षा में हुई गंभीर चूक की साजिश प्रदर्शनकारियों ने लगभग एक साल पहले बनानी शुरू कर दी थी. एक सुनियोजित साजिश के तहत इन लोगों ने लखनऊ में एक मोची से दो जोड़ी जूतों के तलवों में 2.5 इंच गहरी जगह बनवाई, ताकी छोटे कनस्तर रखे जा सकें.
ये जानकारी पुलिस की ओर से दी गई है.
जिन चार लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया उनके नाम हैं- सागर शर्मा, मनोरंजन डी, अमोल शिंदे और नीलम सिंह.
सागर और मनोरंजन सदन के भीतर विज़िटर गैलरी से सासंदों के कक्ष में कूद पड़े और पीले रंग का धुआं सदन के भीतर छोड़ा.
उसी वक्त सदन के बाहर संसद के परिसर में अमोल शिंदे और नीलम सिंह ने भी पीले रंग का धुआं स्प्रे किया और ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगाए.
इन चार के अलावा मामले में एक पांचवे अभियुक्त को भी गिरफ़्तार कर लिया गया है जिनका नाम ललित झा है. गुरुवार रात को उनकी गिरफ़्तारी की गई है.
पुलिस ने अख़बार से कहा कि वे मैसूर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले 34 साल के मनोरंजन की भूमिका पर फोकस कर रहे हैं. मनोरंजन ने ही अपने पारिवारिक संबंधों का इस्तेमाल कर सांसद प्रताप सिम्हा के ज़रिए संसद के दो विज़िटर पास बनवाए.
पुलिस ने कहा कि मनोरंजन ने साल 2021-22 में "सामाजिक मुद्दों पर चर्चा" के लिए मैसूर में तीन सह अभियुक्तों से मुलाकात की थी और एक साल पहले नीलम से भी मुलाकात की थी.
ये अभियुक्त सात दिनों की पुलिस रिमांड पर हैं.
10 महीने में 2366 किसानों ने की खुदकुशी
द हिंदू में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक़ महाराष्ट्र सरकार ने बताया है कि इस साल जनवरी से अक्टूबर के बीच 2,366 किसानों ने आत्महत्या की है.
कांग्रेस विधायक कुनाल पाटिल के पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए राहत और पुनर्वास मंत्री अनिल भाईदास पाटिल ने विधानसभा को ये बताया .
सरकारी आंकड़ों के अनुसार अमरावती में सबसे ज़्यादा किसानों ने खुदकुशी की. बीते 10 महीनों में यहां 951 किसानों ने आत्महत्या की.
उन्होंने बताया कि छत्रपति संभाजीनगर (पहले औरंगाबाद) डिवीजन में 877, नागपुर डिवीजन में 257, नासिक डिवीजन में 254 और पुणे डिवीजन में 27 किसानों ने खुदकुशी की.
सरकार की तरफ़ से इन किसानों के परिजनों को एक लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी गई. (bbc.com)