राष्ट्रीय
मणिपुर में हिंसा और वहां दो महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न की घटना को लेकर हुए भारी हंगामे के बाद संसद के दोनों सदनों को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
आज संसद के मॉनसून सत्र का पहला दिन था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन महीने बाद पहली बार मणिपुर हिंसा पर बयान दिया.
संसद के बाहर पीएम ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि दोषियों को बख़्शा नहीं जाएगा. उन्होंने इस घटना को ‘पूरे देश की बेइज्जती क़रार दिया.’
गुरुवार को जैसे ही संसद का मॉनसून सत्र शुरू हुआ विपक्ष ने सरकार को मणिपुर के मुद्दे पर घेरना शुरू किया.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में कहा, “मणिपुर जल रहा है, महिलाओं का बलात्कार हो रहा है, उन्हें निर्वस्त्र घुमाया जा रहा है और पीएम ख़ामोश बैठे हुए हैं और बाहर बयान दे रहे हैं.”
भारी हंगामे के बीच राज्यसभा को शुक्रवार, 21 जुलाई, 11 बजे तक स्थगित कर दिया गया.
संसदीय मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने सदन में कहा, “हमने स्पष्ट किया है कि हम दोनों सदनों में मणिपुर पर बहस कराने को तैयार हैं. मणिपुर एक संवेदनशील मामला है. गृह मंत्री बहस के दौरान विस्तृत जवाब देंगे. इस मुद्दे पर स्पीकर को बहस के लिए तारीख़ तय करने दिया जाना चाहिए.”
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “ये अजीब है कि प्रधानमंत्री को जो बात संसद के अंदर कहनी चाहिए वो संसद के बाहर बोल रहे हैं. मैं उनसे अपील करता हूं कि वो सदन के अंदर अपनी चुप्पी तोड़ें. संसद सबसे बड़ा मंच है..जब हम उनसे मणिपुर पर सवाल करते हैं, वो राजस्थान के बारे में बात करते हैं. सब बात करिए लेकिन पहले मणिपुर की बात करिए.”
अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “जब सत्र शुरू हुआ तो ये परम्परा है कि पीएम सभी नेताओं से कुशलक्षेम पूछते हैं. पीएम मोदी ने सोनिया गांधी से मुलाकात की. उन्होंने पीएम मोदी से कहा कि सदन में मणिपुर पर बहस होनी चाहिए. मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री ये उम्मीद नहीं कर रहे थे, इसलिए उन्होंने कहा कि ‘ठीक है, मैं देखता हूं.’ लेकिन सोनिया गांधी ने इस पर जोर दिया. एक तरह से सदन की शुरुआत विपक्ष की ओर से सोनिया गांधी की मणिपुर पर बहस की मांग से हुई. (bbc.com/hindi)


