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पढ़ाई के लिए हिजाब छोड़ा, अब पूरे प्रदेश में अव्वल
29-Apr-2023 10:19 PM
पढ़ाई के लिए हिजाब छोड़ा,  अब पूरे प्रदेश में अव्वल

फोटो : सोशल मीडिया


कर्नाटक, 29 अप्रैल।  कर्नाटक में स्कूली यूनिफॉर्म से हिजाब हटा देने के बाद बहुत सी मुस्लिम लड़कियों ने पढ़ाई छोड़ दी थी, या वे किसी मुस्लिम स्कूल में चली गई थीं। लेकिन हाईकोर्ट में हिजाब के हक की हार हुई। सुप्रीम कोर्ट में बंटा हुआ फैसला आया। ऐसे में एक मुस्लिम लड़क़ी तबस्सुम ने पढ़ाई जारी रखने के लिए हिजाब छोड़ा, और अभी नतीजा आया तो वह पूरे कर्नाटक में पहले नंबर पर है।

एक खबर के मुताबिक कर्नाटक में हिजाब के खिलाफ चल रहे दक्षिणपंथी प्रोटेस्ट के खिलाफ अकेले लडऩे वालीं तबस्सुम शेख ने कर्नाटक में 12वीं में टॉप किया है। इस खबर के बाद सोशल मीडिया पर तबस्सुम की चर्चा हो रही है। कई बड़े नेताओं ने भी उनकी तारीफ की है। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि कामयाबी सबसे बड़ा इन्तकाम होती है।

एक फेसबुक पोस्ट में लिखा है, यह तबस्सुम शेख है। इसने कर्नाटक में उड़ीपी के कॉलेज में हिजाब को पहनने के लिए विद्रोह किया और इसे हिजाब के कारण क्लास से बाहर कर दिया गया था। उसी तबस्सुम शेख ने इंटरमीडिएट में 98.3 प्रतिशत हासिल कर कर्नाटक की टॉपर बन गई है। 

अयोध्या उत्तर प्रदेश की रहने वाली मिस्कत नूर ने उत्तर प्रदेश बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा में 97.83 फीसदी लाकर उत्तर प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया।

तबस्सुम ने कहा कि वह अब हिजाब विवाद से आगे बढ़ गई हैं। उन्होंने कहा कि क्योंकि उनके माता-पिता ने उन्हें हिजाब से ज्यादा शिक्षा लेने की सलाह दी थी। हिजाब पहने तबस्सुम ने मीडियाकर्मियों से कहा, मेरे माता-पिता ने मुझे हिजाब के मुद्दे को दरकिनार कर पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी और मुझे उम्मीद थी कि मेरे लगभग 95 प्रतिशत अंक मिलेंगे। उन्होंने बताया कि जिस समय उनके कॉलेज के एक टीचर ने उन्हें राज्य में टॉप करने के बारे में खबर देने के लिए बुलाया, तो वह सो रही थीं। जब उनके परिवार को उनके टॉप करने का पता चला, तो उनके माता-पिता भी बहुत खुश थे।

तबस्सुम ने बताया कि जब वह पांच साल की थी तब से हिजाब पहन रही है। यह मेरी पहचान का हिस्सा है और मैं इस विवाद के कारण बहुत दुखी और परेशान थी। तबस्सुम ने बताया कि विवाद के बाद उनके माता-पिता ने उन्हें बताया कि मुसलमानों को बैकवर्ड और शिक्षा से वंचित रखने के लिए हिजाब नियम लागू करना एक चाल थी और यह गलत था। (सोशल मीडिया)

सुनील से सुनें :  पढ़ाई के लिए हिजाब छोड़ा, अब पूरे प्रदेश में अव्वल


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