राष्ट्रीय
नई दिल्ली, 8 नवंबर । साल 2012 में दिल्ली के छावला में एक 19 साल की लडक़ी के अपहरण और गैंगरेप के मामले में दोषी करार दिए गए तीनों अभियुक्तों को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बरी कर दिया।
ये लडक़ी मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी की रहने वाली थी। सुप्रीम कोर्ट के इस फ़ैसले पर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि वह हम लडक़ी को न्याय मिले ये सुनिश्चित करने के लिए सबकुछ करेंगे।
समाचार एजेंसी एएनआई से उन्होंने कहा, कोर्ट ने जो फैसला किया है, उस पर मैंनेइस केस के वकील चारू खन्ना से बात की है और केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू से भी बात की है। पीडि़ता हमारे देश की बेटी है और उसे न्याय दिलाने के लिए हम सब कुछ करेंगे
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की ओर से दोषियों को दी गई फांसी की सज़ा को पलट दिया। इस मामले में निचली अदालत और हाईकोर्ट ने तीनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी।
साल 2014 में निचली अदालत के फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट ने सही ठहराया था।
मामला क्या था
मूल रूप से उत्तराखंड के पौड़ी की रहने वाली 19 साल की लडक़ी दिल्ली के छावला स्थित कुतुब विहार में रहती थी। 9 फरवरी 2012 की रात नौकरी से लौटते समय तीन लोगों ने उसका अपहरण किया। इसके बाद 14 फरवरी को लडक़ी का शव बहुत बुरी हालत में हरियाणा के रेवाड़ी के एक खेत में मिला।
कथित तौर पर इस लडक़ी का गैंगरेप किया गया और उसे बुरी तरह पीटा गया था। लडक़ी के शरीर पर सिगरेट और गर्म लोहे से दागने के निशान थे। इतना ही नहीं लडक़ी के चेहरे और आंख में तेजाब डाला गया था।