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बेंगलुरू/तिरुवनंतपुरम, 9 जून | माकपा के पूर्व राज्य सचिव और पोलित ब्यूरो सदस्य कोडियेरी बालकृष्णन के छोटे बेटे बिनेश कोडियेरी की जमानत याचिका पर बुधवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय में सुनवाई टल गई। अब अगले सप्ताह इसपर सुनवाई होगी। यह आठवीं बार है जब कोडियेरी ने कोर्ट के समक्ष जमानत अर्जी लगाई थी।
बिनेश को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बेंगलुरु डिवीजन ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया था, और पिछले साल 29 अक्टूबर से, वह बेंगलुरु की एक जेल में बंद है।
बिनेश के वकील कुछ समय से अंतरिम जमानत पाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि उनका दावा है कि वह अस्वस्थ हैं और अपने पिता के पास रहना चाहते हैं।
बुधवार को जब जमानत की अर्जी आई, तो ईडी के वकील ने बताया कि उनके वरिष्ठ वकील कोविड के बाद रिकवर हो रहे हैं और उनके शीघ्र लौटने की उम्मीद है । उसके बाद वे फिर अगले सप्ताह सुनवाई के लिए सहमत हुए।
बिनेश के करीबी अनूप मोहम्मद को पहले नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने गिरफ्तार किया था। उसकी गिरफ्तारी के बाद, बिनेश से पूछताछ की गई और बाद में गिरफ्तार किया गया ।
कोडियेरी बालकृष्णन ने हाल ही में कहा था कि उनके बेटे को राजनीतिक प्रतिशोध के कारण जेल में डाल दिया गया है क्योंकि पीएमएलए के तहत दर्ज मामलों में आम तौर पर जमानत दी जाती है, लेकिन उनके बेटे के मामले में ऐसा नहीं हुआ है।
संयोग से राजनीतिक गलियारों में यह अटकलें जोरों पर थीं कि इस बार उन्हें जमानत मिल सकती है क्योंकि भाजपा की केरल इकाई कथित रूप से हवाला के जरिए मोटी रकम लेने के आरोप में फंसी हुई है। कांग्रेस पार्टी अनुमान लगा रही है कि बिनेश मामले और वर्तमान में हवाला मामले में उलझे नेताओं के बीच संभावित समझौता हो सकता है। (आईएएनएस)