राष्ट्रीय
चंडीगढ़, 25 मई| पंजाब के कांग्रेस विधायक व पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने मंगलवार को केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए किसानों के साथ हमदर्दी जताते हुए पटियाला शहर स्थित अपने पैतृक आवास पर काला झंडा फहराया। सिद्धू ने हर पंजाबी से किसानों का समर्थन करने की अपील करते हुए, अपनी पत्नी नवजोत कौर के साथ अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, "पिछले तीन दशकों से, भारतीय किसान बढ़ते कर्ज और आय में गिरावट के कारण चिंतित हैं।"
"किसानों से झूठ बोला गया है, और अब ये नए काले कानून ताबूत में आखिरी कील साबित हुए हैं।"
"मैं इन कानूनों का विरोध करता हं, और अपने पिता और भाइयों के साथ एकजुटता से खड़ा हूं।"
चालीस से अधिक किसान संघों के छत्र निकाय संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की है कि वह कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे विरोध प्रदर्शन के छह महीने पूरे होने के अवसर पर 26 मई को 'काला दिवस' के रूप में मनाएगा।
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने विरोध दर्ज कराने के लिए लोगों से 26 मई को अपने घरों, वाहनों और दुकानों पर काले झंडे लगाने की अपील की है।
सिद्धू का विरोध मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के रुख के विपरीत है, जिन्होंने राज्य के प्रमुख कृषि संघ बीकेयू (एकता-उग्रहन) से अपने प्रस्तावित धरना-प्रदर्शन को आगे नहीं बढ़ाने का आग्रह किया है, क्योंकि महामारी के बीच किसानों का जमावड़ा 'संक्रमण के सुपर-स्प्रेडर'में बदल सकता है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने सबसे पहले राज्य विधानसभा में कृषि कानूनों को नकारने के लिए संशोधन कानून पारित किया था। वह किसानों के साथ हैं, लेकिन महामारी के मद्देनजर धरना-प्रदर्शन को आगे नहीं बढ़ाने का आग्रह कर रहे हैं। (आईएएनएस)


