नारायणपुर

शीर्ष नेता की मौत, नक्सल संगठन का प्रेसनोट
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नारायणपुर, 26 मई। शीर्ष नक्सल नेता बसव राजू की मौत को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। नक्सल संगठन ने प्रेस नोट में दावा किया है कि बसव राजू की माड़ इलाके में मौजूदगी की खबर पुलिस को छह माह पहले ही लग गई थी।
बसव राजू की सुरक्षा में मुख्य जिम्मेदारी निभाने वाले कमेटी के मेंबर और माड़ आंदोलन को गाईड करने वाले यूनिफाईड कमांड के सदस्य गद्दार बन गए। ये सभी पुलिस के ऑपरेशन में शामिल हो गए। इन लोगों की वजह से इतना बड़ा नुकसान उठाना पड़ा।
नक्सल संगठन दण्डकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने पे्रसनोट में बताया कि बसव राजू कामरेड मधु, कामरेड चंदन, कामरेड सजंति, सहित अन्य को श्रद्धांजलि दी गई है। उन्होंने बताया कि जोनल कमेटी इन कामरेडों के अधूरे आशयों को पूरा करने का संकल्प लिया है।
पे्रसनोट में कहा गया कि हमारे पार्टी का महा सचिव कामरेड बीआर दादा (बसव राजू) के माड़ में मौजूद रहने के बारे में पुलिस खुफिया वालों को पहले से जानकारी थी। इस 6 महीनों में माड़ क्षेत्र से अलग-अलग यूनिटों के कुछ लोग कमजोर होकर पुलिस अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर गद्दार बन गए इन लोगों से हमारे गोपनीय समाचार उनको अपडेट होते गया।
प्रेसनोट में आगे कहा गया कि कामरेड बीआर दादा को निशाने पर लेकर जनवरी और मार्च महीनों में समाचार आधारित दो बडा अभियानों का संचालन किया गया, लेकिन इसमें सफल नहीं हुए इन अभियानों के बाद पिछले डेढ़ महीने में उस यूनिट के 6 जन दुश्मन के सामने सरेंडर किये दादा के सुरक्षा में मुख्य जिम्मेदारी निभाने वाले सीवयपीसी मेंबर भी इनमें शामिल है माड आंदोलन को गाइड करने वाले यूनिफाइड कमांड के एक सदस्य भी इस बीच गद्दार बन गये। इससे उन लोगों का काम और आसान हो गया। ये सभी गद्दार लोग रेक्की सहित ऑपरेशन में भी शामिल हुए। इन लोगो के कारण से हमे इतना बड़ नुकसान उठाना पडा। जनता को अपने जल-जंगल-जमीन से बेदखल कर यहा के संपदाओं को कारपोरेटो को सौंपने के मकसद से चल रहे इस कगार अभियान में इस सफलता इन गद्दारों की वजह से मिली।