नारायणपुर
जंगल-जीव भगवान भरोसे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नारायणपुर, 22 मार्च। छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ की अगुवाई में नारायणपुर जिले के वनकर्मी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर बेमियादी हड़ताल पर हंै। मैदानी अमले के कर्मचारियों की हड़ताल से वन विभाग का काम प्रभावित हो रहा है।
वन कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि जिले में तैनात वन रक्षक, वनपाल, उप वन क्षेत्रपाल अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकृष्ट बरसों से कराते आ रहे हैं, लेकिन मांगों और समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया, इससे आक्रोशित वन कर्मचारी 21 मार्च से बेमियादी हड़ताल पर है।
वनकर्मियों की मांगों में वन रक्षक का वेतनमान वर्ष 2003 से 3050 रूपए स्वीकृत किया जाए। वनरक्षक, वनपाल, उप वन क्षेत्रपाल कर्मचारियों का वेतनमान मांग के अनुरूप किया जाए। पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए। छग राज्य गठन के पश्चात नया सेटअल पुनरीक्षक किया जाए। महाराष्ट्र सरकार की तरह 5,000 रूपए पौष्टिक आहार, वर्दी भत्ता दिया जाए।
पदनाम वर्दी हेतु संबोधित नाम अन्य पहचान निर्धारण आदेष जारी किया जाए। वनोपज संघ के कार्य हेतु एक माह का अतिरिक्त वेतन दिया जाए। काष्ठ वनोपज प्रदाय से कमी मात्रा की वसूली निरस्त, राइट आफ किया जाए। विभागीय पर्यटन स्थल में वनकर्मियों एवं सेवानिवृत्त वन कर्मियों को नि:शुल्क प्रवेश दिया जाए। वनपाल प्रशिक्षण अवधि 45 दिन की जाए। भृत्य, वानिकी, चौकीदार का समायोजन किया जाए। दैनिक वेतनभोगियों को नियमित किया जाए।
इधर, वनकर्मियों की बेमियादी हड़ताल से गर्मी के मौसम में जंगल में दावानल से लेकर बेशकीमती पेड़ों की अवैध कटाई और जीवों के शिकार का खतरा बढ़ गया है।


