महासमुन्द

नागपुर से पहुंचे इंजीनियरों ने की गर्डरों की टेस्टिंग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुन्द, 6 जनवरी। तुमगांव रेलवे फाटक में निर्माणाधीन ओवरब्रिज में इस्तेमाल होने वाले गर्डरों की टेस्टिंग कल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रही। नागपुर से पहुंची इंजीनियरों की टीम गर्डरों की टेस्टिंग कर रही है और गर्डरों की हर घंटे के टेम्प्रेचर पर बारीकी से नजर रख रही है।
बुधवार को 10 बजे गर्डरों की टेस्टिंग प्रोसेस खत्म हुई। अब टेस्टिंग में पास होने पर इसकी रिपोर्ट अधिकारियों को भेजी जाएगी। इसके बाद एनओसी लेने के लिए भी रिपोर्ट रेलवे को भेजी जाएगी। बता दें कि कल मंगलवार को नागपुर से पहुंचे इंजीनियर अरविंद गुप्ता और सुरेश वानखेड़े ने गर्डरों की टेस्टिंग शुरू की। उनके साथ प्रोजेक्ट मैनेजर अजीत दत्ता भी मौजूद रहे। कल मंगलवार सुबह से बुधवार सुबह 10 बजे तक गर्डरों का टेम्प्रेचर लिया गया। हर घंटे टेम्प्रेचर को नोट किया गया। गर्डर को 128 टन लोड उठाने की क्षमता है। अभी उसके ऊपर 28 टन का लोड दिया गया है। अब इसे प्रूव के लिए रेलवे को भेजा जाएगा।
ओवरब्रिज के दोनों हिस्से को जोडऩे के लिए निर्माण कंपनी रेल मंडल के इंजीनियर की उपस्थिति में गर्डर के लिए पिलर पर सरिया और कांक्रीट से ज्वाइंट बनाया गया है। इसमें गर्डर को फिट कर बिठाया गया। गर्डर चढ़ाने से पूर्व ज्वाइंट बनाने का काम दोनों पिलरों पर चल रहा था। अब चूंकि गर्डर चढ़ाया जा चुका है ऐसे में ओवरब्रिज दोनों ओर से जुड़ गया है। इस तरह ब्रिज का मुख्य कार्य पूरा हो गया है।
सेतु निगम के इंजीनियर एलडी महाजन ने बताया कि बुधवार सुबह दस बजे टेस्टिंग खत्म हो गई है। इसके बाद रेलवे को प्रूव के लिए कहा जाएगा। हालांकि इसके पहले ही गर्डर एसेंबल करने का काम शुरू कर लिया जाएगा। इसके लिए निर्माण एजेंसी को निर्देशित कर दिया गया है। रात में चूंकि ट्रैफिक दबाव कम होता है। इसी वजह से रात भर गर्डर को चढ़ाने की टेस्टिंग की जाती रही। मालूम हो कि तुमगांव ओवरब्रिज बनाने का काम साल 2017 में शुरू किया गया था। इसे एक साल के अंदर 2018 में ही बनाने का टारगेट रखा गया था। तीन साल लेट होने के बावजूद भी आज तक इसका काम जारी है। हालांकि जिम्मेदार इसे इस साल तक बनाने की बात कह रहे हैं। लेकिन जानकारों की मानें तो अभी इस पुल को पूरा होने में कई सारी बाधाएं हैं। इसे इस साल पूरा होने पर अब भी संशय है।