महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,19सितंबर। प्रदेश में आदिवासियों के विरुद्ध हो रहे अत्याचार, हत्याओं, शोषण के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई करने तथा जनजातीय नीति बनाने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने कल पटवारी कार्यालय के सामने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। बाद कलेक्टर को सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा।
समाज के प्रांतीय उपाध्यक्ष कल्याण सिंह बरिहा, प्रांतीय संयुक्त सचिव मनोहर ठाकुर, जिलाध्यक्ष थानसिंह दीवान, कार्यकारी जिलाध्यक्ष राधेश्याम ध्रुव, उपाध्यक्ष सत्यभामा नाग, उपाध्यक्ष राजू खडिय़ा, गणेशराम ध्रुव, सचिव विनोद दीवान, कोषाध्यक्ष सहदेव ध्रुव ने बताया कि 10 अगस्त को बीजापुर जिला क्षेत्रांतर्गत एक आदिवासी महिला की अज्ञात लोगों ने जघन्य हत्या कर उनका शव फेंक दिया था। अभी तक अपराधी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं।
इसी तरह अंबिकापुर के सीतापुर में संदीप लकड़ा की निर्मम हत्या कर जमीन में गाड़ कर उसके ऊपर पानी की टंकी बना दिया गया था जिसका हत्यारा अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। इसी महीने की एक सितंबर को जिला दंतेवाड़ा के ग्राम पोन्दुम बाजार पारा से 6 माह के आदिवासी बच्चे के अपहरणकर्ताओं को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।
इसी तरह ऐसी अनेक घटनाओं की जानकारी समाचार पत्रों व मीडिया से समाज को प्राप्त होती है जिससे आदिवासी समाज में आक्रोश है। इस तरह की घटनाओं पर रोकथाम आवश्यक है। धरना प्रदर्शन के दौरान जिलाध्यक्ष महिला प्रभाग डिंपल ध्रुव, युवा प्रभाग कृष्णा ध्रुव उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि औद्योगिकीकरण के चलते प्रदेश में तेजी से पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। जमीनों का अधिग्रहण हो रहा है और उनके पुनर्वास नहीं है। प्रदेश में कानून एवं शांति व्यवस्था संतोषप्रद नहीं है। अधिग्रहण से आदिवासियों की कृषि भूमि लुप्त होती जा रही है। उनका जीवन-यापन मुश्किल हो रहा है। सांस्कृतिक विकास के लिए इस राज्य में आदिवासियों के हित में आर्थिक, शैक्षणिक, व्यवसायिक जनजातीय नीति भी नहीं बनाई गई है।