महासमुन्द

पोषण सभी के लिए जरूरी विषय पर वेबीनार
15-Sep-2024 2:45 PM
पोषण सभी के लिए जरूरी विषय पर वेबीनार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद,15सितंबर। राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन 1 से 30 सितंबर तक जन सामान्य में पोषण के प्रति जागरूकता के साथ साथ रोज के खाने में किस खाद्य पदार्थ की कितनी मात्रा का सेवन किया जाए जिससे शारीरिक व मानसिक विकास बेहतर हो इन विषयों को लेकर अजय कुमार साहू जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी जिला महासमुंद द्वारा कल वेबिनार का आयोजन किया गया। पोषण माह के आयोजन पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि खान पान की खराब आदत, खराब दिनचर्या से भी शरीर स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। पोषक तत्वों की सही मात्रा और निरंतर लेने से शारीरिक और मानसिक दोनों तरीके से स्वस्थ्य रह सकते हंै।

वेबीनार में विशेष रूप से आमंत्रित अतिथि सुधाकर बोदले, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने बताया कि हमारा शरीर हड्डी, खून व मांसपेशियों से मिलकर बना होता है। हड्डी की मजबूती कैल्शियम से, खून की कमी आयरन युक्त सामग्री से व मांसपेशी को प्रोटीन एवं वसा की निर्धारित मात्रा से पूरा कर सकते हैं। महिला को स्वस्थ रहने के लिए 20 मिलीग्राम आयरन प्रतिदिन चाहिए। यदि लंबे समय तक शरीर में पोषण की कमी बनी रहती है तो वही धीरे.धीरे कुपोषण के रूप में दिखाई देता है।

उन्होंने बताया कि 18 से 35 वर्ष की महिलाओं में उनके बैलेंस डाइट पर कार्य करने की जरूरत है। महिला जैसे विवाहित होती है उसकी लगातार काउंसलिंग करने से उसके शरीर में खून की मात्रा का पता कर शरीर में खून की कमी ना हो इसके लिए लगातार परामर्श देना प्रारंभ करना अति उत्तम समय होता है। हमें अपने रोज के भोजन में कौन.कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं इसके बारे में जानकारी होना जरूरी है जब हमें उसकी पौष्टिकता के बारे में पता चलती है तो उसके सेवन से हम बहुत सारी बीमारियों को दूर कर सकते हैं।

बताया कि बैलेंस डाइट में सात प्रकार का खाना सभी को जरूरी है। इसमें अनाज या कंदमूल, दाल या बीज, दूध से बने उत्पाद जैसे पनीर या दही, अंडा, चिकन या मांस मछली, फल के रूप में पीले फल सब्जियों के रूप में हरे पत्तेदार सब्जियां इन सात प्रकार के भोज्य पदार्थ में से यदि हमारे रोज के खाने में कोई भी पांच भोज्य पदार्थ को शामिल करते हैं तो हमारा शरीर स्वस्थ व निरोगी रह सकता है। इसके लिए सभी को गृहभेंट शिविर के माध्यम से लोगों को इस जानकारी से लाभान्वित करने से धीरे-धीरे एनीमिया और कुपोषण को कम कर सकतें हैं। वेबिनार में जिले के समस्त सीडीपीओ और पर्यवेक्षक उपस्थित रहे।


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