महासमुन्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 17 अगस्त। तुमगांव रेलवे क्रॉसिंग की ओर बन रहे ओवरब्रिज का काम पिछले चार महीने से रुका हुआ है। काम में जरा भी तेजी नहीं आई है। जिला प्रशासन सितंबर तक ओवरब्रिज कार्य निर्माण पूरा करने का दावा कर रही है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो पाने के कारण अब तक महासमुंद शहर की ओर दो पिलर का भी निर्माण अभी तक नहीं हो सका है। वहीं रिटर्निंग वॉल से आईडीबीआई तक नाला डायवर्ड व ब्रिज में चढऩे के लिए रास्ता निर्माण में भी देरी हो रही है। ठेकेदार भी जगह नहीं मिलने से परेशान हंै।
मालूम हो कि 15 अगस्त को लोक निर्माण मंत्री ने 1 महीने में ब्रिज निर्माण की बात कहते हुए अधिकारियों को फटकार लगाई है। ब्रिज निर्माण करने वाले कंपनी के प्रोजेक्टर मैनेजर अजीत कुमार दत्ता के मुताबिक वर्तमान में रेलवे गर्डर पर स्लेब का काम चल रहा है। इस काम को पूरा करने तक यदि काम के लिए आगे जगह नहीं मिला तो काम समेट कर मशीन व कर्मचारियों को वे रायगढ़ ले जाएंगे।
यहां बताना जरूरी है कि अंबेडकर चौक से देना बैंक तक एक बड़ा नाला आ गया है। इस नाले के पानी को डायवर्ड करने का प्लान भी तैयार कर लिया गया है, लेकिन जमीन नहीं मिलने के कारण नाले के पानी को डायवर्ड करने नाली का निर्माण नहीं हो पा रहा है।
हालांकि कंपनी के द्वारा नाले के अंदर पाइप बिछाने के लिए सीमेंट वाली 12 पाइप आ गई है। ये पाइप पिछले तीन महीने से आकर पड़ी हुई हैं लेकिन काम की शुरूआत नहीं हो सकी है। आईडीबीआई बैंक के पास ब्रिज में चढऩे के लिए सडक़ व चौक का निर्माण किया जाना है। इसके लिए भी अभी तक मुआवजा प्रकरण तैयार नहीं किया गया है।
महासमुंद के पटरीपार में शहर की 25 हजार आबादी निवास करती है। उन्हें शहर आने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि रेलवे क्रासिंग में हर आधे घंटे में रेलवे का गेट बंद हो जाता है और जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है। सबसे ज्यादा परेशानी सुबह 11, दोपहर 12 और शाम को 4 से 8 बजे तक रहती है। सुबह 11 बजे स्कूल, ऑफिस जाने के लिए लोग घरों से निकलते हैं। वहीं शाम को फिर वापस घर आते हैं। इसके अलावा मालगाड़ी के फेरे भी अधिक होने के कारण फाटक आधे घंटे में बंद हो जाता है।
नाला निर्माण, ब्रिज पर चढऩे के लिए रास्ता और एक बड़े से चौक का निर्माण किया जाना बाकी है। इस काम के ड्राईंग डिजाइन कर लिये गये हंै, लेकिन अधिकारियों का निरीक्षण कार्य के साथ भूमि अधिग्रहण का काम भी बाकी है। अधिकारियों के निरीक्षण कार्य पूरा होने के बाद ही कार्य की स्वीकृति मिलेगी। इस वक्त टिटलागढ़ से लखौली तक दोहरीकरण का काम पूरा हो गया है। अप व डाउन ट्रेक में ट्रेनों का परिचालन शुरू हो गया है। दोहरीकरण के बाद मालगाड़ी के फेरे बढ़े हैं। जब सिंगल लाइन थी तो चौबीस घंटे में 30 से 35 गाडिय़ां इस रूट से गुजरती थीं।
अब दोहरीकरण के बाद मालगाडिय़ों की संख्या बढ़ गई हैं। अब 24 घंटे में 50 से 55 गाडिय़ां गुजरती है। हालांकि कोविड के कारण सवारी गाड़ी की संख्या अभी कम है। लेकिन जब कोविड का संक्रमण सामान्य हो जाएगा, उसके बाद इस रूट में मालगाड़ी व सवारी गाड़ी के फेरे बढ़ेेंंगे। इसके बाद फाटक हर 10 मिनट में बंद होंगे। इससे पटपरीपार वालों की परेशानी बढ़ जाएगी।