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भाजपा नेताओं की नक्सलियों से सांठगांठ, एनआईए से परे जांच जरूरी
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 22 जून। झीरम कांड पर सरकार ने भाजपा पर बड़ा हमला बोला है। सरकार के मंत्री रविन्द्र चौबे, मोहम्मद अकबर और डॉ. शिवकुमार डहरिया के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने झीरम कांड पर कहा कि आखिर किसके इशारे पर एनआईए जांच रोक दी गई है? पिछले पांच साल में पांच लोगों से पूछताछ नहीं की गई है। कांग्रेस नेताओं ने पूछा कि सीबीआई ने झीरम की जांच करने से मना कर दिया था, यह बात तत्कालीन सीएम डॉ. रमन सिंह ने दो साल तक क्यों छिपाए रखी। उन्होंने हाल के नक्सल नेटवर्क के खुलासे का जिक्र करते हुए कहा कि नक्सलियों के भाजपा नेताओं से सांठगांठ हैं, इसके साक्ष्य मौजूद हैं। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि एनआईए से परे जांच की जरूरत है। ताकि सच्चाई सामने आ सके और पीडि़त परिवारों को न्याय मिल सके।
श्री चौबे ने राजीव भवन में मीडिया से चर्चा में कहा कि कांग्रेस ने पहली पीढ़ी की नेताओं को खोया है। पीडि़त परिवार को अब तक न्याय नहीं मिल पाया है। उस समय सरकार की विकास यात्रा के समानान्तर कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा चल रही थी। मगर सुरक्षा के बंदोबस्त क्यों नहीं थे? इस घटना को सुपारी किलिंग जैसे मामले के रूप में देखा जाता है, लेकिन अभी तक जवाब नहीं मिल पाया है।
कृषि मंत्री ने कहा कि केन्द्र में जिनकी सरकार है, एनआईए उनके इशारे पर काम करती है। कांग्रेस के दबाव में रमन सरकार ने केन्द्र को प्रकरण की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। केन्द्र सरकार ने इंकार कर दिया, लेकिन इस चिट्ठी को दो साल तक दबाए रखी। उन्होंने कहा कि हाल ही में शहरी नक्सल नेटवर्क खुलासा हुआ है, जिसमें भाजपा के पदाधिकारी भी पकड़े गए हैं। कृषि मंत्री ने आरोप लगाया कि नक्सलियों से भाजपा नेताओं के सांठगांठ हैं। इसके पूरे साक्ष्य मौजूद हैं।
कृषि मंत्री ने कहा कि झीरम घटना में रमन्ना जैसे कई नक्सल नेताओं के नाम सामने आए थे। मगर एनआईए ने चार्जशीट से उनका नाम हटा दिया। ऐसा क्यों किया गया, इसका कोई जवाब नहीं है। सरकार के मंत्रियों ने कहा कि सीबीआई द्वारा जांच से मना करने पर नई सरकार ने एसआईटी का गठन किया था। एनआई को पत्र लिखकर दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था। मगर एनआईए ने दस्तावेज देने से मना कर दिया। कोर्ट में चार्जशीट पेश कर एनआईए कह चुकी है कि जांच पूरी हो चुकी है, तो कभी कहती है कि जांच चल रही है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि झीरम हमले में घायल दौलत रोहरा और विवेक वाजपेयी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस मामले में केन्द्र सरकार और एनआईए को नोटिस जारी किया गया था। झीरम हमले में दिवंगत उदय मुदलियार के पुत्र जीतेन्द्र मुदलियार समेत अन्य ने एनआईए जांच पर असंतोष जाहिर किया है। एनआईए कई बिन्दुओं पर जांच नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि रमन सरकार ने सीबीआई जांच के लिए अधिसूचना जारी की थी। जिसमें घटना राजनीतिक षडय़ंत्र का हिस्सा था या नहीं, इसको जांच की बिन्दु में शामिल नहीं किया गया। परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि पिछले पांच साल में एनआईए की इस प्रकरण को लेकर जांच की क्या प्रगति है, यह बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि पांच साल में पांच लोगों से पूछताछ नहीं की गई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि सरकार एसआईटी के जरिए जांच को गति देना चाहती है, लेकिन केन्द्र की सरकार ऐसा नहीं होने देना चाह रही है। नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया ने आरोप लगाया कि झीरम कांड में तत्कालीन रमन सिंह सरकार संलग्न रही है, इस वजह से केन्द्र की सरकार एसआईटी जांच नहीं होने देना चाह रही है।