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नयी दिल्ली, 28 नवंबर। तृणमूल कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को यहां निर्वाचन आयोग की पूर्ण पीठ से मुलाकात की और दावा किया कि पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के कारण अब तक कम से कम 40 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त के "हाथ खून से सने हैं।’’
पश्चिम बंगाल में जारी एसआईआर की प्रक्रिया बीच, तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओब्रायन के नेतृत्व में पार्टी के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोकसभा सदस्यों में शताब्दी रॉय, कल्याण बनर्जी, प्रतिमा मंडल, साजदा अहमद और महुआ मोइत्रा तथा राज्यसभा सदस्यों में डोला सेन, ममता ठाकुर, साकेत गोखले और प्रकाश चिक बडाइक थे।
ओब्रायन ने बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि पार्टी ने पांच सवाल उठाए, लेकिन मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने उनका कोई जवाब नहीं दिया।
ओब्रायन ने कहा, "हमने बैठक की शुरुआत ही यह कहते हुए की कि सीईसी के हाथ खून से सने हैं। हमने पांच सवाल उठाए। इसके बाद करीब 40 मिनट में कल्याण बनर्जी, महुआ मोइत्रा और ममता बाला ठाकुर ने अपनी बात रखी और जो कहना था वो कहा।"
उन्होंने कहा, "इसके बाद सीईसी ने एक घंटे तक बिना रुके बात की। जब हम बोल रहे थे, तब हमें भी नहीं टोका गया, लेकिन हमें हमारे पांच सवालों में से किसी का भी जवाब नहीं मिला।"
लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने सीईसी से मिलकर उन्हें 40 ऐसे लोगों की सूची सौंपी, जिनकी मौत कथित तौर पर एसआईआर प्रक्रिया से जुड़ी थी। हालांकि, उन्होंने कहा कि आयोग ने इन्हें केवल 'आरोप' कहकर खारिज कर दिया।
तृणमूल सांसदों ने आयोग से सवाल किया कि यह प्रक्रिया पूर्वोत्तर राज्यों में क्यों नहीं की जा रही है, जहां बांग्लादेश और म्यांमा के साथ सीमाएं साझा करने के कारण घुसपैठ का खतरा भी बना रहता है।
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि मतदाता सूची, जिसके आधार पर 2024 का लोकसभा चुनाव हुआ था, अचानक ‘‘अविश्वसनीय’’ कैसे हो गई।
पार्टी नेता ओब्रायन ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी एसआईआर की अवधारणा के खिलाफ नहीं है लेकिन ‘‘उस अनियोजित तरीके का कड़ा विरोध करती है जिसके तहत सीईसी और निर्वाचन आयोग इसे आगे बढ़ा रहे हैं।’’ इसके अलावा, उन्होंने एसआईआर प्रक्रिया की निष्पक्षता को लेकर चिंता व्यक्त की तथा आयोग द्वारा नियमों में हाल में किए गए संशोधन का उल्लेख किया, जो बाहरी बूथ स्तरीय एजेंटों (बीएलए) की नियुक्ति की अनुमति देता है।
तृणमूल ने सीईसी को यह भी बताया कि पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता दावा कर रहे हैं कि एक करोड़ मतदाताओं के नाम हटा दिए जाएंगे।
तृणमूल के एक नेता ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने इन टिप्पणियों पर कोई संज्ञान नहीं लिया है और न ही भाजपा द्वारा किये जा रहे दावे को खारिज किया है।
पार्टी के एक सूत्र ने बताया कि उन्होंने एसआईआर से जुड़े 60 पीड़ितों की एक सूची तैयार की है -- जिनमें 41 आम लोग और 19 बीएलओ शामिल हैं। आम लोगों में से 35 की मौत हो चुकी है और छह उपचाराधीन हैं। वहीं, इन 19 बीएलओ में से चार की मौत हो चुकी है, जबकि 15 अस्पताल में भर्ती हैं या उनकी देखभाल की जा रही है।
एसआईआर प्रक्रिया वर्तमान में पश्चिम बंगाल सहित 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जारी है। (भाषा)


