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बिहार विधानसभा चुनावों की मतगणना शुक्रवार को हुई और इन परिणामों में एनडीए ने प्रचंड बहुमत हासिल किया है.
वहीं महागठबंधन 40 सीटों का आंकड़ा भी नहीं पार कर पाया.
हॉट सीटों को देखें तो उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने तारापुर सीट पर 45 हज़ार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की है.
वहीं राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने राघोपुर सीट पर 14 हज़ार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की है. उनकी पार्टी आरजेडी सिर्फ़ 25 सीटों पर सिमट गई है.
बिहार विधानसभा चुनाव नतीजे 2025
ये इंटरएक्टिव देखने के लिए एक मॉडर्न ब्राउज़र और अच्छी इंटरनेट कनेक्टिविटी ज़रूरी है.
वहीं, आरजेडी से अलग होकर अपनी पार्टी बनाने वाले तेज प्रताप यादव महुआ सीट पर तीसरे नंबर पर रहे. इस सीट पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के उम्मीदवार संजय कुमार सिंह ने 44,997 वोटों से जीत दर्ज की.
राज्य की 243 सीटों के लिए 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान हुआ था.
राज्य में 1951 के बाद इस बार सबसे ज़्यादा 67.13% मतदान हुआ है. यह पिछले विधानसभा चुनाव से 9.6% ज़्यादा है.
इस बार के मतदान की ख़ास बात यह भी रही कि इसमें पुरुषों की हिस्सेदारी 62.98% थी और महिलाओं की 71.78 फ़ीसदी.
तेजस्वी यादव
राघोपुर सीट से तेजस्वी यादव ने 14,532 वोटों से जीत दर्ज की है, उनके सामने बीजेपी के सतीश कुमार थे. तेजस्वी यादव इस सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं.
तेजस्वी यादव को एक लाख 18 हज़ार 597 वोट मिले. वहीं सतीश कुमार को एक लाख चार हज़ार 65 वोट मिले.
सम्राट चौधरी
नीतीश कुमार की सरकार में बीजेपी के कोटे से उपमुख्यमंत्री बनाए गए सम्राट चौधरी तारापुर से पार्टी के उम्मीदवार हैं. वह इस सीट से पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं.
तारापुर सीट पर सम्राट चौधरी ने आरजेडी के अरुण कुमार को 45,843 वोटों से हराया है.
साल 2021 में हुए उपचुनाव में अरुण कुमार 4 हज़ार से भी कम वोटों से जेडीयू के राजीव कुमार सिंह से हार गए थे.
तेज प्रताप यादव
आरजेडी से बाहर किए जाने के बाद तेज प्रताप यादव ने अपनी नई पार्टी बनाई. उनकी पार्टी का नाम 'जनशक्ति जनता दल' है.
आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप महुआ सीट से चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन वह तीसरे नंबर पर रहे.
इस सीट पर लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के संजय कुमार सिंह ने 44,997 वोटों से जीत दर्ज की. संजय कुमार सिंह को 87,641 वोट मिली.
वहीं आरजेडी के मुकेश कुमार रोशन दूसरे नंबर पर रहे, उन्हें 42,644 वोट मिले. तेज प्रताप यादव को 35,703 वोट मिले.
पिछले तीन विधानसभा चुनावों में किसे मिली कितनी सीट?
विजय कुमार सिन्हा
नीतीश सरकार में उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता विजय कुमार सिन्हा लखीसराय सीट से चुनाव लड़ रहे थे. वो लगातार चौथी बार इस सीट से चुनावी मैदान में थे.
सिन्हा ने यहां कांग्रेस के अमरेश कुमार को 24,940 वोटों से हराया. विजय कुमार सिन्हा को एक लाख 22 हज़ार 408 वोट मिले. वहीं अमरेश कुमार को 97,468 वोट मिले.
दिलचस्प बात यह है कि विजय कुमार सिन्हा कभी नीतीश के आलोचकों में गिने जाते थे. वह राज्य में बीजेपी के बड़े चेहरों में शामिल हैं.
खेसारी लाल यादव
भोजपुरी गायक और अभिनेता शत्रुघ्न यादव उर्फ़ खेसारी लाल यादव छपरा विधानसभा सीट से आरजेडी के उम्मीदवार थे.
खेसारी लाल यादव को बीजेपी की छोटी कुमारी ने 7600 वोटों से हराया है. छोटी कुमारी को 86,845 वोट, खेसारी लाल को 79,245 वोट मिले. वहीं निर्दलीय उम्मीदवार राखी गुप्ता ने 11,488 वोट हासिल किए.
यह शहरी सीट है और परंपरागत रूप से इसे आरजेडी के मज़बूत गढ़ के तौर पर नहीं देखा जाता है.
हालांकि आरजेडी ने खेसारी लाल यादव को टिकट देकर चुनावी समीकरण में सेंध लगाने की कोशिश की थी.
छोटी कुमारी के समर्थन में भोजपुरी फ़िल्मों के दो चेहरे पवन सिंह और दिनेश लाल यादव (निरहुआ) ने प्रचार किया था.
मैथिली ठाकुर
चुनावों से पहले बीजेपी में शामिल होने वालीं मैथिली ठाकुर को पार्टी ने दरभंगा की अलीनगर सीट से चुनाव मैदान में उतारा था. इस सीट से आरजेडी ने बिनोद मिश्र को टिकट दिया था.
मैथिली ठाकुर ने इस सीट पर 11,730 वोटों से जीत दर्ज की है. आरजेडी उम्मीदवार बिनोद मिश्र दूसरे नंबर पर रहे, उन्हें 73,185 वोट मिले.
वहीं मैथिली ठाकुर को 84,915 वोट मिले थे.
अनंत सिंह
बिहार की मोकामा सीट शायद इन चुनावों में सबसे चर्चित सीट रही है. इस सीट पर बाहुबली माने जाने वाले दो लोग आमने-सामने थे.
यहां से सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी आरजेडी के टिकट पर चुनाव मैदान में थीं तो दूसरी तरफ जेडीयू के अनंत सिंह थे.
अनंत सिंह ने ये सीट 28,206 मतों से जीत ली है. अनंत सिंह को 91,416 और वीणा देवी को 63210 वोट हासिल हुए. जन सुराज के पीयूष प्रियदर्शी 19,365 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे.
इस सीट पर चुनाव प्रचार के दौरान दुलारचंद यादव की हत्या कर दी गई थी और उनकी हत्या के आरोप में अनंत सिंह को गिरफ़्तार किया गया था.
इसके बाद अनंत सिंह के पक्ष में प्रचार करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के एक बयान को आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए चुनाव आयोग ने उनके ख़िलाफ़ केस दर्ज कर लिया.
प्रीति किन्नर
इसके अलावा बिहार की एक और सीट एक अलग वजह से चर्चा में रही और यह है गोपालगंज ज़िले की भोरे विधानसभा सीट.
यह सीट ट्रांसजेंडर महिला प्रीति किन्नर की वजह से चर्चा में रही. प्रीति को प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी (जेएसपी) ने चुनाव मैदान में उतारा था. ऐसा इसलिए क्योंकि बिहार में पहली बार किसी चर्चित पार्टी ने ट्रांसजेंडर को टिकट दिया था.
प्रीति किन्नर तीसरे नंबर पर रहीं, उन्हें 8602 वोट मिले. इस सीट से जेडीयू के सुनील कुमार ने 16,163 वोटों से जीत दर्ज की है. वहीं सीपीआईएमएल के धनंजय दूसरे पायदान पर रहे.
ओसामा शहाब
सिवान के पूर्व सांसद और बाहुबली माने जाने वाले नेता शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब की सियासी एंट्री हो चुकी है.
ओसामा सिवान की रघुनाथपुर विधानसभा सीट से आरजेडी के उम्मीदवार थे, उन्होंने 9248 वोटों से जीत दर्ज की है. ओसामा को कुल 88,278 वोट मिले, वहीं दूसरे नंबर पर यहां जेडीयू के विकास कुमार सिंह रहे. उन्हें 79,030 वोट मिले.
ओसामा के पिता शहाबुद्दीन की किसी ज़माने में सिवान में काफ़ी राजनीतिक पैठ थी, हालांकि शहाबुद्दीन ने ख़ुद कभी रघुनाथपुर से चुनाव नहीं लड़ा था.
तारकिशोर प्रसाद
कटिहार से बीजेपी ने उपमुख्यमंत्री रहे तारकिशोर प्रसाद को एक बार फिर मैदान में उतारा था और उन्होंने 22,154 वोटों से जीत दर्ज की है.
प्रसाद चार बार इस सीट से विधायक रहे हैं. 69 साल के प्रसाद 12वीं पास हैं और उनके पास क़रीब 3 करोड़ रुपये की संपत्ति है. उन पर एक आपराधिक मामला दर्ज है.
महागठबंधन की ओर से उन्हें चुनौती देने के लिए यहां वीआईपी के सौरव कुमार अग्रवाल मैदान में थे. 39 साल के अग्रवाल पोस्ट ग्रेजुएट हैं और उनके पास साढ़े पांच करोड़ रुपये से ज़्यादा की संपत्ति है.
लेशी सिंह
पूर्णिया ज़िले की धमदाहा सीट से लेशी सिंह को जेडीयू ने चुनाव मैदान में उतारा था. 51 साल की लेशी सिंह 12वीं पास हैं और उनके पास 2 करोड़ रुपये से ज़्यादा की संपत्ति है. उन पर कोई आपराधिक मुक़दमा दर्ज नहीं है.
लेशी सिंह ने 55,159 वोटों से जीत दर्ज की है, उन्हें एक लाख 38 हज़ार 750 वोट मिले.
आरजेडी ने उनके मुक़ाबले के लिए यहां संतोष कुमार को उतारा था, उन्हें 83,591 वोट मिले.
12वीं पास संतोष के पास 8 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है और उन पर भी कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है.
रेणु देवी
बेतिया से बीजेपी ने बिहार की पहली महिला उपमुख्यमंत्री रहीं रेणु देवी को चुनाव मैदान में उतारा था. रेणु देवी 12वीं पास हैं और उनके पास 41 लाख रुपये की संपत्ति है. उन पर दो आपराधिक मामले दर्ज हैं.
रेणु देवी ने 22,373 वोटों से जीत दर्ज की है, उन्हें 91,907 वोट मिले. उनका मुकाबला करने के लिए यहां कांग्रेस के वशी अहमद मैदान में थे, उनको 69,534 वोट मिले.
निर्दलीय उम्मीदवार रोहित कुमार सिकारिया को 24,665 वोट मिले.
राजेश कुमार
कांग्रेस ने कुटुंबा से अपने प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार को फिर मैदान में उतारा था. 56 साल के राजेश ग्रेजुएट हैं और उनके पास 6 करोड़ से अधिक की संपत्ति है. उन पर चार आपराधिक मामले दर्ज हैं.
उनको एनडीए के हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के ललन राम ने 21,525 वोटों से हराया. ललन राम को 84,727 वोट और राजेश कुमार को 63,202 वोट मिले.
50 साल के ललन राम पोस्ट ग्रेजुएट हैं और उनके पास ढाई करोड़ रुपये से ज़्यादा की संपत्ति है. उन पर एक आपराधिक मामला दर्ज है.
मंगल पांडे
नीतीश सरकार में मंत्री रहे मंगल पांडे सिवान में बीजेपी के टिकट से चुनावी मैदान में थे और उन्होंने 9370 वोटों से जीत दर्ज की है.
52 साल के मंगल पांडे ग्रेजुएट हैं और उनके साढ़े तीन करोड़ रुपये से कुछ कम की संपत्ति है. उन पर तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं.
उनका मुकाबला आरजेडी के अवध बिहारी चौधरी से थे, जो दूसरे नंबर पर रहे. 78 साल के चौधरी ग्रेजुएट हैं और उनके पास साढ़े चार करोड़ रुपये से कुछ कम की संपत्ति है. उन पर दो आपराधिक मामले दर्ज हैं.
स्नेहलता
रोहतास ज़िले की सासाराम विधानसभा सीट से इस बार नज़रें राष्ट्रीय लोक मोर्चा के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता पर थीं.
स्नेहलता ने 25,443 वोटों से जीत दर्ज की है, उन्हें एक लाख पांच हज़ार 6 वोट मिले.
56 साल की स्नेहलता 12वीं पास हैं और उनके पास दो करोड़ रुपये से ज़्यादा की संपत्ति है. उन पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है.
उनके मुकाबले यहां आरजेडी से सत्येंद्र साह थे. 47 साल के साह के पास 49.95 लाख रुपये की संपत्ति है और उन पर तीन आपराधिक मामले दर्ज हैं. (bbc.com/hindi)


