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पटना, 14 नवंबर। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे शुक्रवार को जैसे-जैसे स्पष्ट होते गए,राजनीतिक गतिविधियों के केंद्र पटना का वीरचंद पटेल मार्ग दो बिल्कुल अलग-अलग दुनिया में बंट गया। एक ओर केसरिया और हरे रंग की खुशी थी तो दूसरी ओर मायूसी पसरी हुई थी।
एक ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)और जनता दल यूनाइटेड (जदयू )कार्यालयों में ढोल-नगाड़ों, पटाखों और ताज़ा लड्डुओं की खुशबू के साथ उत्सव का माहौल था, तो दूसरी ओर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) मुख्यालय में सन्नाटा पसरा हुआ था, जहां हर नए रुझान के साथ मायूसी बढ़ती जा रही थी।
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की स्पष्ट बढ़त के बीच भाजपा प्रदेश कार्यालय में जश्न चरम पर पहुंच गया था। पार्टी के कार्यकर्ता शहर के अलग-अलग इलाकों से पहुंचे—कुछ साइकिलों पर, तो कुछ झंडों से भरे ऑटो-रिक्शाओं से उतरते हुए।
पटाखों की रोशनी में परिसर के रंग बदलते रहे—कभी केसरिया, कभी भूरा, तो कभी गुलाल का लाल।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मुखौटे लगाए कार्यकर्ता हर बार बड़े एलईडी स्क्रीन पर भाजपा के आंकड़े बढ़ते ही नाच उठते।
‘मोदी का परिवार’! के नारों के बीच महिलाएं ‘भारत माता की जय’ और ‘नरेन्द्र मोदी ज़िंदाबाद’ का जयघोष कर रही थीं। ढोल की थाप इतनी तेज थी कि पटाखों की आवाज़ भी धीमी पड़ गई।
पूर्णिया से आई एक महिला कार्यकर्ता ने कहा, ‘‘एकतरफा बढ़त के साथ राजग अजेय दिख रहा है। जनता ने झूठ और भ्रम की राजनीति को नकार दिया है।’’
एक युवा कार्यकर्ता चिल्लाया, ‘‘यह ठगबंधन के खिलाफ जनादेश है!’’
भाजपा नेताओं के चेहरों की मुस्कानें धीरे-धीरे चौड़ी होती गईं, जैसे-जैसे पार्टी 101 में से 90 सीटों के आंकड़े को पार करती गई, लड्डू बांटे गए और कार्यकर्ता कह रहे थे कि पार्टी ‘बिहार में अपनी अब तक की सबसे बड़ी जीत की ओर है।’
कुछ दूरी पर जदयू कार्यालय में भी जश्न का रंग हरा था।
पार्टी के 82 सीटों पर आगे होने के रुझानों के बीच ढोल, हरे गुलाल और पटाखों के साथ माहौल उत्साही हो उठा जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विशाल पोस्टर हवा में लहराता दिखा।
एक कार्यकर्ता ने टीवी कैमरे पर कहा, ‘‘नीतीश जी की पांचवीं जीत तय है, अब केवल औपचारिकताए बाकी हैं!’’
वरिष्ठ समर्थक ढोलक की थाप पर ताली बजाते दिखे।
नालंदा से आए रमेश यादव ने कहा, ‘‘2005 से आज तक, बिहार जानता है कि कौन शासन करता है और कौन सिर्फ शोर करता है।’’
‘विकास पुरुष’ के रूप में सजे एक स्वयंसेवक ने सड़क, नहर और योजनाओं की कटआउट वाली शर्ट पहनकर फोटो खिंचवाए।
युवा कार्यकर्ता “तीर चलेगा, बिहार बढ़ेगा” के नारे लगाते आगे बढ़ते गए।
उधर, राजद कार्यालय में माहौल एकदम अलग था।
शुरुआती रुझान दोपहर तक बड़ी हार का संकेत देने लगे। 2020 में सबसे बड़ी पार्टी बनने वाली राजद के लिए ये नतीजे गहरा झटका रहे।
पूर्व छात्र नेता निशांत यादव ने कहा, ‘‘हम बहुत निराश हैं। हम तेजस्वी यादव को मौका देना चाहते थे, लेकिन रुझान हमारे पक्ष में नहीं हैं।’’
कुछ महिलाएं बाहर बैठकर ‘माई बहन योजना’ पर लिखे अपने गीत गा रही थीं। एक ने कहा, ‘‘कभी-कभी मेहनत पूरी होती है, लेकिन परिणाम वैसा नहीं आता।’’
भाजपा कार्यालय में जश्न के बीच, फिल्म अभिनेता फूल सिंह ‘विजय रथ’ पर सवार होकर पहुंचे और बोले, ‘‘जहां-जहां मोदी जी जीतेंगे, मेरा रथ जाएगा—आज बिहार, कल झारखंड!’’
तमिलनाडु से आए अन्नाद्रमुक के कार्यकर्ताओं ने भी जश्न में हिस्सा लिया। शन्मुगराजा ने कहा, ‘‘बिहार की तरह तमिलनाडु भी वंशवाद की राजनीति को नकार रहा है।’’
दोपहर तक वीरचंद पटेल पथ दो विपरीत दृश्यों में विभाजित था—एक ओर केसरिया और हरे रंग की खुशी, दूसरी ओर लाल और सफेद रंग में घिरी मायूसी।
हर पटाखा, हर नारा और ढोलक की हर थाप यही संकेत दे रही थी कि बिहार ने बदलाव नहीं, बल्कि निरंतरता का रास्ता चुना है। (भाषा)


