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जमशेदपुर/रांची (झारखंड), 14 नवंबर। झारखंड की घाटशिला विधानसभा सीट के उपचुनाव में झामुमो उम्मीदवार सोमेश चंद्र सोरेन ने शुक्रवार को 38,524 मतों के अंतर से जीत हासिल की। एक चुनाव अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि झामुमो उम्मीदवार को 1,04,794 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के बाबू लाल सोरेन को 66,270 वोट मिले। जेएलकेएम उम्मीदवार रामदास मुर्मू 11,542 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।
पूर्वी सिंहभूम जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) कर्ण सत्यार्थी ने कहा कि मतगणना पूरी हो गई है और सोमेश चंद्र सोरेन ने उपचुनाव जीत लिया है।
झामुमो कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़कर और एक-दूसरे को गुलाल लगाकर जीत का जश्न मनाया और कहा कि यह जीत पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत शिबू सोरेन और पूर्व शिक्षा मंत्री दिवंगत रामदास सोरेन को श्रद्धांजलि है।
सोमेश रामदास सोरेन के पुत्र हैं, जिनके निधन के कारण उपचुनाव कराना पड़ा।
अधिकारी ने बताया कि घाटशिला उपचुनाव के लिए मतगणना कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जमशेदपुर कोऑपरेटिव कॉलेज में सुबह आठ बजे शुरू हुई।
ग्यारह नवंबर को हुए उपचुनाव में 74.63 प्रतिशत मतदान हुआ था।
उपचुनाव में 13 उम्मीदवार मैदान में थे, लेकिन मुख्य मुकाबला झामुमो के सोमेश चंद्र सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के पुत्र एवं भाजपा उम्मीदवार बाबूलाल सोरेन के बीच था।
झामुमो सांसद महुआ माझी ने कहा, ‘‘घाटशिला में हमें झामुमो उम्मीदवार की जीत का पूरा भरोसा था, क्योंकि दिवंगत रामदास सोरेन ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिए कई कल्याणकारी कार्य किए थे।’’
वर्ष 2024 के विधानसभा चुनाव में रामदास सोरेन ने भाजपा के बाबूलाल सोरेन को 22,000 से ज्यादा मतों से हराया था।
सोमेश चंद्र सोरेन ने पहली बार चुनाव लड़ा है।
उपचुनाव जीतने के बाद सोमेश ने कहा, ‘‘मैं घाटशिला के लोगों का मुझ पर विश्वास दिखाने के लिए धन्यवाद करता हूं। मैं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। मैं इस निर्वाचन क्षेत्र के लिए अपने पिता के सपनों को पूरा करने की कोशिश करूंगा।’’
भाजपा की झारखंड इकाई के प्रमुख बाबूलाल मरांडी ने कहा कि वह चुनाव परिणामों से निराश नहीं हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यह चुनाव उस क्षेत्र के एक मौजूदा मंत्री के निधन के बाद हुआ था। ऐसे मामलों में, आमतौर पर सहानुभूति वोट परिवार या सत्ताधारी पार्टी को ही मिलते हैं।’’
पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता चंपई सोरेन ने कहा, ‘‘झारखंड के मूल निवासियों की भूमि, धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा।’’ (भाषा)


