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अमृत भारत स्टेशन तैयार होते ही निजी कंपनियों के हवाले कर देगा रेलवे, खाली जमीन भी दी जाएगी 35 साल की लीज पर
14-Nov-2025 12:33 PM
अमृत भारत स्टेशन तैयार होते ही निजी कंपनियों के हवाले कर देगा रेलवे, खाली जमीन भी दी जाएगी 35 साल की लीज पर

बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग में लाया जा रहा पायलट प्रोजेक्ट, दावा 1000 से अधिक युवाओं को मिलेगा रोजगार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 14 नवंबर। रेलवे अपनी खाली जमीन को 35 साल की लीज पर डेवलपर्स और उद्योगपतियों को देगा, ताकि स्टेशनों पर आधुनिक सुविधाएं विकसित की जा सकें। बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग जैसे प्रमुख स्टेशनों पर यात्रियों की भीड़ और ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए हाल्टिंग बे सुविधा शुरू होगी। रेलवे का दावा है कि इससे युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे।

प्रधान मुख्य वाणिज्य प्रबंधक प्रवीण पांडेय ने पत्रकारों को बताया कि अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत स्टेशनों का प्रबंधन और संपत्तियों का उपयोग अब सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल से होगा। इससे स्टेशनों की देखरेख और सुविधाएं निजी कंपनियों के हवाले होंगी, जिससे रेलवे की आय बढ़ेगी और यात्रियों को बेहतर अनुभव मिलेगा।

स्टेशनों के बाहर भीड़ और ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए रेलवे हाल्टिंग बे सुविधा शुरू कर रहा है। रेलवे की खाली जमीन पर एक खास जगह बनाई जाएगी, जहां निजी गाड़ियां और कैब सीमित समय के लिए मामूली शुल्क पर रुक सकेंगी। इसके बाद वे यात्रियों को चढ़ाने-उतरने के लिए पिक, ड्रॉप एंड गो जोन में जाएंगे। इससे स्टेशन के सर्कुलेटिंग एरिया में जाम की समस्या कम होगी।

पांडेय ने कहा कि रेलवे स्टेशनों की व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए इंटीग्रेटेड स्टेशन फैसिलिटी मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जा रहा है। इस सिस्टम में निजी कंपनियां सफाई, खानपान, पार्किंग और अन्य सुविधाओं का जिम्मा संभालेंगी। रेलवे प्रशासन केवल ट्रेन संचालन, सुरक्षा और टिकटिंग जैसे मुख्य काम अपने पास रखेगा। यह पायलट प्रोजेक्ट बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग स्टेशनों पर शुरू हो रहा है।

इस नई व्यवस्था से 1000 से ज्यादा युवाओं को रोजगार मिलने का दावा किया गया है। रेलवे ने चार मुख्य क्षेत्रों में अवसर तैयार किए हैं-टिकट बिक्री केंद्र (एटीवीएम) और हाल्ट एजेंट सेवाएं, ई-कैटरिंग और खानपान सेवाएं,, वॉटर वेंडिंग मशीन स्टॉल का संचालन तथा पार्सल और कार्गो प्रबंधन।

रेलवे का कहना है कि 35 साल की लीज नीति से मिलने वाला पैसा स्टेशन के विकास और यात्रियों की सुविधाओं में लगाया जाएगा। लीज खत्म होने पर बनाए गए कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स, मल्टीलेवल पार्किंग और अन्य इमारतें रेलवे को सौंप दी जाएंगी। बिलासपुर मंडल के 18 स्टेशनों पर यह काम शुरू हो चुका है।


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