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महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार ने उनके बेटे पार्थ पवार की कंपनी पर भूमि लेनदेन मामले में अनियमितता के लगे आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने कहा कि ज़मीन की रजिस्ट्री कैसे हुई और किसने इसकी मंज़ूरी दी, यह जांच का विषय है.
इस मामले में आरोप लगाया गया है कि महाराष्ट्र में 1800 करोड़ रुपये की सरकारी ज़मीन को सिर्फ़ 300 करोड़ रुपये में पार्थ पवार की कंपनी को बेच दिया गया.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस मसले पर टिप्पणी करते हुए इसे 'ज़मीन चोरी' बताया है.
अजित पवार ने कहा, "पिछले दिनों कई सारी चीज़ें हुईं, उनमें किसी भी तरह से नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ है. ऐसा करना मेरे स्वभाव में नहीं है."
उन्होंने कहा, "अगर पिछले दो दिनों में फैली कुछ बातों के कारण राज्य की जनता के मन में मेरे बारे में कोई ग़लतफ़हमी पैदा हुई है, तो मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि नियमों को तोड़कर कुछ भी नहीं किया गया है."
अजित पवार ने कहा, "इस मामले में कोई भी पैसों का लेनदेन नहीं हुआ है. अब यह जांच का विषय है कि यह लेनदेन क्यों नहीं हुआ, रजिस्ट्री कैसे हुई और किसने इसे मंज़ूरी दी."(bbc.com/hindi)


