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जोधपुर, 29 अक्टूबर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने नाबालिग से बलात्कार के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे उपदेशक आसाराम को चिकित्सा आधार पर छह महीने की जमानत दे दी है।
इससे पहले 84 वर्षीय आसाराम को तीन बार अंतरिम जमानत दी जा चुकी है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा और न्यायमूर्ति संगीता शर्मा की पीठ ने सजा के निलंबन और नियमित जमानत के लिए उसकी याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
आसाराम के वकील देवदत्त कामत ने दलील दी कि उनका मुवक्किल लंबे समय से बीमार है और जेल में उसका उचित इलाज संभव नहीं है, इसलिए उसे बिना हिरासत के ज़मानत देने से उसके इलाज में आसानी होगी।
दूसरी ओर, अतिरिक्त महाधिवक्ता दीपक चौधरी और पीड़िता के वकील पीसी सोलंकी ने याचिका का विरोध किया।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद खंडपीठ ने आसाराम को छह महीने की जमानत दे दी।
आसाराम अप्रैल 2018 से आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। करीब 12 साल जेल में रहने के बाद उसे पहली बार सात जनवरी 2025 को चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दी गई थी, जिसे फिर जुलाई और अगस्त में बढ़ाया गया था।
न्यायमूर्ति दिनेश मेहता और न्यायमूर्ति विनीत कुमार माथुर की पीठ ने 27 अगस्त को अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने की उसकी याचिका खारिज कर दी थी जिसके बाद उसने 30 अगस्त को आत्मसमर्पण कर दिया था। (भाषा)


