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राजपथ-जनपथ : राहुल के हाइड्रोजन बम का इंतजार
12-Sep-2025 6:27 PM
राजपथ-जनपथ : राहुल के हाइड्रोजन बम का इंतजार

राहुल के हाइड्रोजन बम का इंतजार

कांग्रेस लोकसभा, और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में वोट चोरी का आरोप लगा रही है, और सहयोगी दलों के साथ मिलकर देशभर में आंदोलन छेड़े हुए हैं। छत्तीसगढ़ में भी प्रदेश स्तरीय धरना-प्रदर्शन हुआ है। इन सबके बीच लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हाइड्रोजन बम का राग छेड़ दिया है। उन्होंने कहा है कि हाइड्रोजन बम जब आएगा, तो सब कुछ साफ हो जाएगा।

राहुल ने संकेत दिया कि वोट चोरी को लेकर विस्फोटक सुबूत सामने लाया जाएगा। स्वाभाविक है कि राहुल के बयान के बाद राजनीतिक दलों में हलचल है। प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट छत्तीसगढ़ दौरे पर आए, तो पार्टी नेताओं के बीच हाइड्रोजन बम पर आपस में चर्चा होती रही। पार्टी के अंदरखाने में चर्चा है कि राहुल का हाइड्रोजन बम बनारस से जुड़ा हुआ है। बनारस, पीएम नरेंद्र मोदी का लोकसभा क्षेत्र है।

हल्ला है कि बनारस में बड़े पैमाने पर फर्जी पोलिंग हुई थी। पीएम नरेंद्र मोदी की जीत का अंतर घटकर 1 लाख 52 हजार रह गया था। कांग्रेस बनारस के लोकसभा चुनाव से जुड़े कुछ दस्तावेज सामने रख सकती है जिसे चुनाव में गड़बड़ी के सुबूत के तौर पर पेश किया जाएगा। हालांकि राहुल, या कांग्रेस ने हाईड्रोजन बम पर खुलासा नहीं किया है। वस्तु स्थिति तो बम के सामने आने पर ही पता चलेगा। और 'बम' फूटता भी है या नहीं, यह देखना है।

भालू का कोल्ड ड्रिंक पीता रील, हाथी खदेड़ते लोग

जनरेशन ज़ेड की सोच और सोशल मीडिया का क्रेज़ कभी-कभी खतरनाक भी हो सकता है। हम नेपाल की बात नहीं कर रहे हैं। कांकेर जिले के नारा गांव में ही इसका उदाहरण देखने को मिला। एक जंगली भालू भोजन की तलाश में गांव तक पहुंच गया। कुछ युवाओं ने उसके भटकाव को रील बनाने का साधन मान लिया। उन्होंने भालू के सामने कोल्ड ड्रिंक की बोतल रख दी और वीडियो शूट कर ली। भालू ने बोतल उठाई और गटागट पी भी डाली। यह वीडियो बैकग्राउंड म्यूजिक के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पर सोचने वाली बात है कि अगर भालू ने अचानक हमला कर दिया होता तो? क्या कुछ सेकंड की रील इतनी कीमती है कि जान जोखिम में डाल दी जाए? यह मनोरंजन नहीं बल्कि लापरवाही का नमूना है। कुछ दिन पहले रायगढ़ का भी एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें एक हथिनी ने शावक को अभी-अभी जन्म दिया था और लोग उन्हें खदेडऩे लगे। मां अपने नवजात को छोडक़र कैसे भागती? सुरक्षा को लेकर चिंतित थी, वह बदहवास थी- लेकिन लोगों को इसकी फिक्र नहीं थी।  ऐसे रील्स बनाकर तो दूसरों को भी उकसाया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में विचरण करने वाले वन्यजीवों के साथ छेडख़ानी कर उन्हें परेशान किया जाए।

पहले पुलिस कमिश्नर पर अटकलें

रायपुर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने के साथ ही पुलिस के प्रशासनिक ढांचे में बदलाव की तैयारी है। इससे परे भी कई आईपीएस अफसरों को इधर से उधर किया जा सकता है। इसको लेकर चर्चा चल रही है। कहा जा रहा है कि आधा दर्जन जिलों के एसपी बदले जा सकते हैं।

चर्चा है कि कांकेर, राजनांदगांव, कवर्धा, महासमुंद जिले के एसपी को  बदला जा सकता है। कांकेर, और राजनांदगांव एसपी को दो साल होने जा रहे हैं। महासमुंद एसपी केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा रहे हैं। ऐसे में उनकी जगह नई पोस्टिंग तय है। रायपुर में तो लाल उम्मेद सिंह आखिरी एसएसपी होंगे। वजह यह है कि एक नवंबर से कमिश्नर की पोस्टिंग हो सकती है, जो कि एडीजी या आईजी रैंक के होंगे। इस बात की भी एक संभावना है कि मौजूदा आईजी अमरेश मिश्रा ही कमिश्नर होंगे। उनके पास ईओडब्ल्यू-एसीबी का भी प्रभार है। ऐसे में उन्हें दोनों में से एक प्रभार छोडऩा पड़ सकता है।

इसके अलावा दुर्ग आईजी रामगोपाल गर्ग, और बिलासपुर आईजी संजीव शुक्ला का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। गर्ग सीबीआई में पांच साल सेवाएं  दे चुके हैं। संजीव शुक्ला तो रायपुर, दुर्ग और नांदगांव एसपी रह चुके हैं। यही वजह है कि इन नामों की चर्चा है। कुल मिलाकर पुलिस में फेरबदल पर नजरें टिकी हुई है।

बहुत महंगी खुशी...

इन दिनों महंगी कारों में छत खुलने वाला एक कांच लगे रहता है, और बच्चे खेल-खेल में उस सनरूफ को खोलकर वहां से बाहर निकले रहते हैं। अभी एक शहर का यह वीडियो सामने आया है जिसमें एक कार की सनरूफ से बाहर निकला हुआ यह बच्चा जाकर सडक़ के आर-पार लगे लोहे के गर्डर से टकराता है, उसके बाद के नतीजे का अंदाज लगाया जा सकता है। अपने बच्चों को इस तरह की खुशी देने के पहले एक सावधानी भी बरतना चाहिए कि किसी का फेंका हुआ कोई सामान भी उनको लग सकता है और किसी गेट या गर्डर से वे टकरा भी सकते हैं।


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