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ब्याज और क्षतिपूर्ति की राशि भी देनी होगी-हाईकोर्ट
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बिलासपुर, 3 सितंबर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नया रायपुर एयरपोर्ट विस्तार के लिए अधिग्रहित जमीन के मुआवजे में बड़ी राहत दी है। 13 साल पुराने मामले में कोर्ट ने किसानों के हक में फैसला सुनाते हुए मुआवजे की राशि को 17-18.25 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर करने का आदेश दिया है।
जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस एके प्रसाद की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि नया रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) ने 2010 में उसी गांव की जमीन 35 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से खरीदी थी। फिर भी, किसानों को कम मुआवजा देना गलत है, खासकर जब उनकी जमीन सिंचित और हाइवे के पास है।
2011 में सरकार ने बरीद और आसपास के गांवों की करीब 95 हेक्टेयर जमीन एयरपोर्ट विस्तार के लिए ली थी। तब असिंचित जमीन के लिए 17 लाख और सिंचित जमीन के लिए 18.25 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा तय किया गया था। किसानों ने इसे कम बताकर 2019 में विभाग में शिकायत की, लेकिन उनकी मांग ठुकरा दी गई। इसके बाद 2020 में प्रकाश चंद्र शर्मा, मोहन, रामेश्वर जैसे किसानों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
किसानों का कहना था कि उनकी जमीन की कीमत ज्यादा होनी चाहिए, क्योंकि यह सिंचित है और स्थान महत्वपूर्ण है। कोर्ट ने उनकी बात मानते हुए मुआवजे को बढ़ाने का आदेश दिया। इसके साथ ही 12% वार्षिक ब्याज, 30% अतिरिक्त क्षतिपूर्ति और कब्जे की तारीख से ब्याज देने का भी निर्देश दिया। कोर्ट ने सरकार को छह महीने में सभी भुगतान करने को कहा है।
सरकार और एनआरडीए ने कोर्ट में दलील दी थी कि मुआवजा उस समय की गाइडलाइन के अनुसार तय किया गया था। लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए किसानों को उचित मुआवजा देने का फैसला सुनाया।