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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 5 जुलाई। रतनपुर और उसके आस-पास के गांवों में गंदा पानी पीने से डायरिया तेजी से फैल रहा है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अब नए मरीजों के लिए बिस्तर तक नहीं बचे हैं। अस्पताल में कुल 37 बेड हैं, जो डायरिया और अन्य मरीजों से पूरी तरह भर चुके हैं।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक डायरिया के 69 मरीज सामने आ चुके हैं। इनमें से 9 मरीजों का इलाज रतनपुर अस्पताल में और 2 का सिम्स, बिलासपुर में चल रहा है। बाकी 58 मरीजों को ठीक होने के बाद छुट्टी दी जा चुकी है। शुक्रवार को भी डायरिया के 2 नए मामले सामने आए हैं।
सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके नवागांव, कर्रा, गिरजाबंध और महामायापारा हैं। इन गांवों में 35 से 40 लोग बीमार हो चुके हैं। बीते चार दिनों में 28 मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। पिछले दो दिनों से रोजाना 10 से 14 नए मरीज इलाज के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं।
डॉक्टरों की टीम 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात है और सभी मरीजों को फ्री में दवाई, इंजेक्शन और इलाज की सुविधा दी जा रही है। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर गांव-गांव जाकर मरीजों की जांच कर रहे हैं। गंभीर मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है और हल्के लक्षण वाले मरीजों को घर पर आराम करने की सलाह दी गई है।
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि दूषित पानी की वजह से डायरिया फैल रहा है। लोगों को उबला हुआ पानी पीने, बाहर का खाना न खाने, और साफ-सफाई बनाए रखने की सलाह दी गई है। प्रभावित गांवों में क्लोरीन लिक्विड, जिंक टैबलेट और ओआरएस का घोल घर-घर जाकर बांटा जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार इलाके की निगरानी कर रही है। सीएमएचओ डॉ. शुभा गढ़वाल ने बताया कि स्थिति काबू में है और डॉक्टरों की टीम पूरी सतर्कता से काम कर रही है। लोगों से अपील की गई है कि वे कोई भी लक्षण नजर आने पर तुरंत अस्पताल से संपर्क करें।