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आबकारी घोटाला, पूरक चालान में कई चौंकाने वाले खुलासे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 2 जुलाई। आबकारी घोटाले में फंसे जेल में बंद पूर्व मंत्री कवासी लखमा को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। ईओडब्ल्यू-एसीबी के चालान में यह बात सामने आई है कि पूर्व मंत्री ने अपने भतीजे कवासी भीमा के नाम पर जगदलपुर में रूद्र सीमेंट कंपनी खरीदी थी। यही नहीं, घोटाले की राशि में से हर महीने लखमा को करीब दो करोड़ रूपए मिलती रही है।
ईओडब्ल्यू-एसीबी ने विशेष अदालत में आबकारी घोटाले को लेकर पूरक चालान पेश किए। इसमें 1660 करोड़ रूपए अभियुक्तों द्वारा अवैध रूप से संग्रहित कर शासन को नुकसान पहुंचाने का दावा किया गया।
चालान में जांच एजेंसी ने घोटाले की राशि को लेकर डिजिटल साक्ष्य होने का दावा किया है। जिसमें अभियुक्तों द्वारा वॉट्सऐप चैट्स के जरिए आपसी संपर्क कर आबकारी विभाग में कमीशन की वसूली, और सिंडिकेट के कार्य को अग्रसर करने के लिए आपस में किए गए सूचनाओं के आदान-प्रदान का विश्लेषण भी किया गया। साथ ही महत्वपूर्ण गवाहों से अदालत में कथन भी कराकर साक्ष्य में शामिल किया गया।
लखमा के अलावा पूर्व आएएएस अनिल टुटेजा के खिलाफ घोटाले में संलिप्तता के डिजिटल साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। यही नहीं, टुटेजा और आरोपी अनवर ढेबर के आपसी गठजोड़ के संबंध में भी साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। शराब घोटाले से प्राप्त धन का इस्तेमाल आरोपियों ने अपने पारिवारिक सदस्यों, और उनके नाम पर बनाई गई कंपनी/फर्म में निवेश के साक्ष्य भी मिले हैं।
चालान में यह भी बताया गया कि पूर्व मंत्री लखमा वर्ष 2020 से 2022 के बीच हर माह दो करोड़ रूपए घोटाले की राशि मिलती रही। इस सिलसिले में जांच एजेंसी ने साक्ष्य जुटाए हैं, आबकारी विभाग के कर्मचारी, उनके पूर्व ओएसडी जयंत देवांगन, अन्य लोगों के माध्यम से बयान लिए गए।
पूर्व आबकारी मंत्री ने 20-25 साल से बंद पड़ी रूद्र सीमेंट को भी खरीदा है। इस कंपनी के मालिक पी.आर. अग्रवाल रहे हैं, और कुल जमीन 10 एकड़ है। यह इंडस्ट्रीयल एरिया जगदलपुर में है। उक्त जमीन का सौदा चार करोड़ में तय हुआ था जिसे कवासी लखमा द्वारा फाइनल किया गया। साथ ही रिश्तेदार भीमा कवासी के नाम पर लीज ट्रांसफर की गई। यह सौदा 2020 में हुआ। चार करोड़ में से 15 लाख रूपए सरकारी कागजों के अनुसार बैंक खाते से हुआ। शेष राशि किश्तों में पी.आर.अग्रवाल तक पहुंचाया गया। इसमें पौने तीन करोड़ रूपए रायपुर में, और एक करोड़ दस लाख रूपए जगदलपुर में दिए गए। इस तरह कई खुलासे हुए हैं।