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सेंदरी मानसिक अस्पताल में डेढ़ घंटे ही रहते हैं डॉक्टर
01-Jul-2025 10:26 AM
सेंदरी मानसिक अस्पताल में डेढ़ घंटे ही रहते हैं डॉक्टर

कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट मिली, चीफ जस्टिस ने जताई नाराजगी

स्वास्थ्य सचिव से मांगी विस्तृत रिपोर्ट

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 1 जुलाई। छत्तीसगढ़ के इकलौते सरकारी मानसिक चिकित्सालय सेंदरी की बदहाल हालत पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। 30 जून को हुई सुनवाई में चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा ने कहा कि कोर्ट की निगरानी के बावजूद व्यवस्था में सुधार नहीं होना ठीक नहीं है। उन्होंने राज्य सरकार से इस लापरवाही पर जवाब तलब किया है और स्वास्थ्य सचिव से अगली सुनवाई में रिपोर्ट मांगी है।

यह मामला मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम के तहत जरूरी सुविधाओं की कमी को लेकर उठाया गया है। इस पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट लीगल सर्विस कमेटी और विशाल कोहली ने जनहित याचिका लगाई थी, जिस पर लगातार सुनवाई जारी है।

पिछली सुनवाइयों में मुख्य सचिव ने हलफनामा देकर बताया था कि 1 अप्रैल को राज्य नोडल अधिकारी और स्वास्थ्य सेवा निदेशक ने अस्पताल का दौरा कर निरीक्षण किया था। इसके बाद 8 अप्रैल को खुद सचिव, स्वास्थ्य विभाग ने भी अस्पताल जाकर हालात देखे और सुधार के निर्देश दिए थे।

दूसरी ओर कोर्ट कमिश्नर ऋषि राहुल सोनी ने बताया कि 4 से 6 जून के बीच उन्होंने अस्पताल का निरीक्षण किया। उनकी रिपोर्ट में सामने आया कि डॉक्टर और स्टाफ औसतन सिर्फ एक से डेढ़ घंटे ही अस्पताल में रहते हैं, जो गंभीर लापरवाही है। उन्होंने माना कि अभी कुछ डॉक्टर नियुक्त किए गए हैं, लेकिन यह संख्या सरकारी मानकों से काफी कम है।

महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है और डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी कर दिए गए हैं। लेकिन कोर्ट इस तर्क से संतुष्ट नहीं हुआ और डॉक्टरों की गैरहाजिरी पर तीखी नाराजगी जाहिर की।

अब इस मामले में अगली सुनवाई 16 जुलाई 2025 को होगी, जिसमें स्वास्थ्य सचिव को प्रत्यक्ष रूप से स्थिति स्पष्ट करनी होगी।


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