ताजा खबर

मध्यप्रदेश : छतरपुर में 50 साल के दलित व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या
28-Dec-2024 9:02 AM
मध्यप्रदेश : छतरपुर में 50 साल के दलित व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या

-विष्णुकांत तिवारी

मध्यप्रदेश के छतरपुर में गुरुवार ( 26 दिसंबर) को एक 50 साल के दलित व्यक्ति की कथित तौर पर ऊंची जाति के लोगों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी.

मृतक की पहचान छतरपुर जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित बरेठी गांव के मनीराम अहिरवार के रूप में हुई है.

घटना के बाद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें दिख रहा है कि मृतक मनीराम अपने घर के अंदर जमीन पर लहूलुहान पड़े हैं और उनकी पत्नी वीडियो में रोती हुई कह रही हैं कि उनके पति की जान ले ली गई.

छतरपुर जिले के पुलिस अधीक्षक अगम जैन ने कहा “इस मामले में दो मुख्य अभियुक्तों को गिरफ़्तार कर लिया गया है. इस मामले में जितने लोगों के नाम सामने आएंगे उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी. हम इस पूरे मामले में नज़र बनाए हुए हैं. हमारी टीम लगातार परिजनों के संपर्क में है. किसी भी तरह की कोई लापरवाही नहीं बरती जा रही है.”

उन्होंने कहा, “मामला हत्या का है. हम इस बात की बारीकी से जांच कर रहे हैं कि क्या ये हत्या जमीन के विवाद में की गई है.''

मनीराम की पत्नी रामरती अहिरवार की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है “हम लोगों ने खेत पर पहुंचकर वहां बनी टपरी में खाना खाया. मेरे पति खेत पर जाने के लिये टपरी के बाहर खड़े थे."

"मैं टपरी के अंदर थी कि तभी मेरे ही गांव के रामप्रताप सिंह परमार और ज्ञानेंंद्र सिंह परमार टपरी के बाहर आये और मेरे पति से कहने लगे कि तुमने जो 2018 में ज्ञानेंद्र के ख़िलाफ़ रिपोर्ट लिखाई थी. उसमें समझौता कर लो और गंदी-गंदी गालियां देकर मेरे पति मनीराम पर लाठी डंडों और कुदाल से हमला कर दिया. मैंने बचाने का प्रयास किया तो मुझे धक्का मार कर एक तरफ धकेल दिया.”

तीन बेटों और दो बेटियों के पिता मनीराम अहिरवार के परिजनों का कहना है उनकी ज़मीन पर गांव की ऊंची जाति के कुछ लोग कब्ज़ा करना चाहते थे.

इसको लेकर साल 2018 में मनीराम ने आरोपियों के ख़िलाफ़ बमीठा थाने में मारपीट का मामला दर्ज कराया था. इस प्रकरण में एससी एसटी एक्ट की धाराओं के तहत भी मामला दर्ज हुआ था.

बीबीसी से बात करते हुए मनीराम के बेटे ओमप्रकाश अहिरवार ने आरोप लगाया, '' 2018 में गांव के ही ज्ञानेंद्र सिंह ने हमारे खेत पर कब्जा कर लिया था. जब मेरे पिता ने मना किया तो उनके साथ मारपीट की गई थी. इस मामले में केस दर्ज हुआ था और दलित उत्पीड़न की धाराएं भी लगी थी. उसी केस में समझौता करने के लिए ज्ञानेंद्र और गांव के अन्य ऊंची जाति के लोग दबाव बना रहे थे.”

ओमप्रकाश ने आगे बताया, “कल पिता जी फसल की देखभाल करने के लिए खेत में बनी कुटिया में गए हुए थे. मेरी मम्मी रात में खाना लेकर गई थी. दोनों ने खाना खाया और फिर पानी लगाने के लिए पिता जी निकले उसी वक्त कुछ लोग आए और उन्होंने राजीनामा के लिए फिर से दबाव बनाना चालू किया. जब पिता जी ने मना किया तो उन्होंने मारना चालू कर दिया. बहुत मारा था उन्हें उनके पूरे शरीर से खून बह रहा था.” (bbc.com/hindi)


अन्य पोस्ट