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बांग्लादेश में इस्कॉन से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान पर बांग्लादेश का जवाब आया है.
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है, "बांग्लादेश सरकार ने ध्यान दिया है कि आज भारतीय विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश सरकार के आंतरिक मामलों से संबंधित एक बयान मीडिया में जारी किया है."
"ये बेहद निराशाजनक और गहरी पीड़ा की बात है कि बांग्लादेश सरकार ने पाया है कि श्री चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को कुछ लोगों ने गलत तरीके से पेश किया है, क्योंकि श्री चिन्मय कृष्ण दास को विशिष्ट आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया है."
"बांग्लादेश सरकार का कहना है कि इस तरह के बेबुनियाद बयान न केवल तथ्यों को गलत तरीके से पेश करते हैं, बल्कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच दोस्ती और आपसी समझ की भावना के भी विपरीत हैं."
"ये बयान सभी धर्मों के लोगों के बीच आपसी सद्भाव और इस संबंध में सरकार और लोगों की प्रतिबद्धता और कोशिशों को भी नहीं दिखाता है."
"ये पूरी तरह से इस बात की अनदेखी है कि बांग्लादेश की सरकार बांग्लादेश के लोगों के खिलाफ हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन के अपराधियों को खुली छूट दे रही है."
"बांग्लादेश सरकार ये फिर से दोहराना चाहेगी कि देश की न्यायपालिका पूरी तरह से स्वतंत्र है और वो न्यायपालिका के कामों में दख़ल नहीं देती है. जिस मामले पर सवाल उठाए गए हैं उसका मामला क़ानून की अदालत में है."
"बांग्लादेश सरकार देश में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने को लेकर प्रतिबद्ध है. बांग्लादेश सरकार चटगांव में वकील सैफ़ुल इस्लाम अलिफ़ की बेरहमी से की गई हत्या को लेकर चिंतित है. प्रशासन ने बंदरगाह शहर में सुरक्षा बढ़ा दी है ताकि किसी भी क़ीमत पर धार्मिक सहिष्णुता बनी रहे." (bbc.com/hindi)