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चैट-जीपीटी का इस्तेमाल, उच्च शिक्षा से नोटिस जारी
24-Oct-2024 9:45 PM
चैट-जीपीटी का इस्तेमाल,  उच्च शिक्षा से नोटिस जारी

  सचिव के सामने ही प्रस्तुतिकरण पर विवाद  

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 24 अक्टूबर।
उच्च शिक्षा विभाग में चैट-जीपीटी से लेख तैयार करने का मामला प्रकाश में आया है। ऐसे ही एक लेख को राष्ट्रीय सेमीनार में प्रस्तुत किया गया। इस पूरे मामले पर उच्च शिक्षा सचिव प्रसन्ना आर ने नाराजगी जताई है, और रायपुर के एक प्राचार्य को जवाब-तलब किया है। 

चैट-जीपीटी का उपयोग बड़े पैमाने पर हो रहा है। यह एक कम्प्यूटर प्रोग्राम है जो टेस्ट मैसेज के माध्यम से वर्चुअल गाईड की तरह आपके सवालों का जवाब देता है। इससे किसी लेख आदि को तैयार करने में भी मदद मिलती है। चैट-जीपीटी से लेख तैयार कर सेमीनार में प्रस्तुत करने के मामले में सहायक प्राध्यापक डॉ.दिनेश कुमार मस्ता पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है। 

हुआ यूं कि पिछले दिनों शासकीय डिग्री कॉलेज रायपुर में समाजशास्त्र विभाग द्वारा राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन किया गया था। ग्लोबलाइजेशन एंड इंडियन फेमिली चेंजिंग सिनारियों एंड साइजिंग चैलेंजस विषय पर आयोजित सेमीनार में उच्च शिक्षा सचिव प्रसन्ना आर को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। यह सेमीनार 22 अक्टूबर को हुआ था। 

सेमीनार में प्रस्तुतिकरण के दौरान कुछ लेख भी प्रदर्शित किए गए। जिसमें डॉ.दिनेश कुमार मस्ता, सहायक प्राध्यापक, अर्थशास्त्र द्वारा लेख भी था। यह लेख चैट-जीपीटी के माध्यम से बनाया गया था, और उसी को ही प्रदर्शित किया गया। बताया गया कि उच्च शिक्षा सचिव ने सेमीनार के बीच में ही डॉ.मस्ता से सवाल किए। 

उन्होंने पूछा कि क्या आपके द्वारा इसे चैट-जीपीटी में बनाया है। क्या यह चैट-जीपीटी द्वारा बनाए गए लेख को राष्ट्रीय सेमीनार में प्रदर्शित किया जा सकता है, तो डॉ.मस्ता ने इसका उत्तर हाँ में दिया। डॉ.मस्ता ने यह भी कहा कि इसको प्रदर्शित किया जा सकता है। इसके बाद उच्च शिक्षा सचिव ने इसको गंभीरता से लेते हुए कॉलेज के प्राचार्य को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। 

सूत्रों के मुताबिक उन्होंने प्राचार्य से पूछा कि इस बात का परीक्षण करे कि क्या डॉ.मस्ता द्वारा प्रस्तुत लेख चैट-जीपीटी में बनाया गया था? यदि हाँ तो उस लेख को ऐसे राष्ट्रीय सेमीनार में प्रदर्शित किया जा सकता है? उच्च शिक्षा सचिव ने नियमों की जानकारी मांगी है।

उच्च शिक्षा सचिव ने नोटिस में पूछा है कि यदि लेख तैयार करने के लिए चैट-जीपीटी का उपयोग नहीं किया जा सकता तो सात दिन के भीतर सहायक प्राध्यापक डॉ.दिनेश कुमार मस्ता के खिलाफ कार्रवाई कर सूचित करने के लिए निर्देशित किया है। 

 


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