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कहा-मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है, नहीं मालूम...
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायपुर, 30 नवम्बर। प्रदेश भाजपा की अहम कमेटियों में जगह नहीं मिलने पर अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष नंदकुमार साय मायूस हैं। कोर ग्रुप, और चुनाव समिति में नहीं रखे जाने पर उनका दर्द छलक गया। उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि उनके साथ ऐसा क्यों हो रहा है, मुझे मालूम नहीं है।
साय अविभाजित मध्यप्रदेश में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद वे नेता प्रतिपक्ष, लोकसभा, और राज्यसभा के सदस्य के अलावा अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। मगर उन्हें पार्टी की नई चुनाव समिति, और कोर कमेटी में नहीं रखा गया है। जबकि कुछ साल पहले तक वो संगठन की धुरी माने जाते रहे हैं। आयोग के अध्यक्ष का कार्यकाल खत्म होने के बाद नंदकुमार साय पार्टी गतिविधियों में लगातार सक्रिय रहे हैं।
पिछले दिनों आरंग में छह हजार लोगों को भाजपा में शामिल कराने में भी उनकी भूमिका रही है। वो प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी, और संगठन मंत्री शिवप्रकाश के लगातार संपर्क में रहे हैं। मगर बुधवार को घोषित पार्टी की महत्वपूर्ण कमेटियों में से किसी में भी उन्हें जगह नहीं मिली। श्री साय ने 'छत्तीसगढ़Ó से चर्चा में कहा कि वो छत्तीसगढ़ में पार्टी को मजबूत करने के लिए भरसक प्रयत्न कर रहे हैं। कई कार्यक्रम भी कराए हैं। हम अपने दायित्वों को निभाने में कभी पीछे नहीं रहे हैं, लेकिन ऐसा क्या हो गया कि उन्हें किसी भी कमेटी में नहीं रखा गया है।
नंदकुमार साय ने कहा कि शायद हमारे कार्यों में त्रुटि रही हो। वो प्रदेश में पार्टी की सरकार का हिस्सा न होने के बावजूद यहां पार्टी के लिए काम करते रहे हैं। अब उन्हें कोर, और अन्य कमेटियों से दूर रखा गया है। ऐसा क्यों हुआ है, यह तो पार्टी के बड़े नेता ही बता सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि न सिर्फ नंदकुमार साय बल्कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय, और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर को भी किसी भी कमेटी में नहीं रखा गया है। जबकि अजय चंद्राकर को तो पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य भी बनाया है।