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केरल, 21 मई। केरल के पलक्कड़ में एक निजी अस्पताल में भर्ती एक मुस्लिम कोरोना मरीज की हालत जब बहुत ही खराब हो गई और आईसीयू में उस पर वेंटीलेटर भी हटा दिया गया क्योंकि कोई उम्मीद बची नहीं थी तब वहां ड्यूटी पर तैनात एक हिंदू डॉक्टर डॉ रेखा कृष्णा ने देखा कि वह मरीज बहुत बेचैन है तो उसने उसके कान में मुस्लिमों के बीच पढ़े जाने वाली एक धार्मिक लाइन को पढ़ा और उसके बाद उसे ऐसा लगा कि वह मरीज चैन से गुजर गई।
डॉ रेखा कृष्णा ने बताया कि वह पहले खाड़ी के देश दुबई में काम कर चुकी हैं और उन्हें मुस्लिमों के रीति-रिवाज मालूम है। वहां पर उनके साथ सारे लोग हमेशा अच्छे से पेश आए थे और कभी उनके हिंदू होने की वजह से उन से भेदभाव नहीं किया गया था। ऐसा अनुभव लेकर वहां से लौटी और अब केरल के इस अस्पताल में काम कर रही इस डॉक्टर ने इस मुस्लिम मरीज के कान में यह धार्मिक लाइन पढ़ी जिसके बारे में उसका कहना है कि उसने यह कोई धार्मिक काम नहीं किया उसने यह मानवीय आधार पर किया क्योंकि कोरोनावायरस किसी भी मरीज के घरवाले रहते नहीं और मरीज अगर गुजरते हैं तो उनके आखिरी कई दिन या कई पल सिर्फ अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों के बीच में ही रहते हैं इसलिए इस मरीज को ऐसी राहत देना उन्हें जरूरी और ठीक लगा। (Express News Service)