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कोरोना संक्रमण में काफी कमी पर ब्लैंक फंगस के मामलों ने चिंता बढ़ाई
19-May-2021 9:04 AM
कोरोना संक्रमण में काफी कमी पर ब्लैंक फंगस के मामलों ने चिंता बढ़ाई

बिलासपुर के अलावा जीपीएम व मुंगेली जिलों में भी नये संक्रमण से दुगने स्वस्थ हो रहे

बिलासपुर, 19 मई। बिलासपुर, मुंगेली तथा गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले में कोरोना संक्रमित नये मामलों में लगातार कमी आई है। बिलासपुर जिले में कोरोना के 220 नए मरीज मिले। इस बीच नए संक्रमित मरीजों से दुगने से कहीं ज्यादा 569 डिस्चार्ज भी हुए।

संक्रमण के नए मामलों में  काफी नियंत्रण बीते एक माह से अधिक लंबे समय से चल रहे लॉकडाउन के बाद आ गया है लेकिन मौतों की संख्या में कमी नहीं आने से स्वास्थ्य विभाग चिंतित है। बीते कई दिनों से यह आंकड़ा 25 से 30 के बीच रोजाना चल रहा है। बीते 24 घंटे में मिले 115 मरीज ग्रामीण क्षेत्रों से हैं। बिल्हा में 23, कोटा में 35 मस्तूरी में भी 35 और तखतपुर में 20 संक्रमित पाए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों और तहसीलों में बनाए गए बैरिकेड का लोग उल्लंघन कर रहे हैं और कंटेनमेंट जोन से भी लोगों का आना-जाना बना हुआ है, जिससे भी ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण की स्थिति बनी हुई है।

मुंगेली और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में भी नए संक्रमित कम आ रहे हैं। मुंगेली जिले में 230 नए पॉजिटिव केस मिले। इनमें मुंगेली तहसील से 98 लोरमी से 93 और पथरिया से 39 हैं। इस दौरान 2 मरीजों की मौत भी हो गयी। इस समय जिले में 3705 सक्रिय मामले हैं। अब तक यहां 158 लोगों की मौत हो चुकी है। जीपीएम जिले में 179 नए कोरोना प्रकरण पिछले 24 घंटे में मिले लेकिन इसी बीच  336 मरीजों को डिस्चार्ज भी किया गया। इनमें 322 मरीज घरों में ही रहकर इलाज करा रहे थे। इस समय जी पीएम जिले में 1992 एक्टिव केस हैं अब तक यहां से 8358 केस मिल चुके हैं।

ब्लैक फंगस के इलाज के लिए टीम बनी

पोस्ट कोविड मरीजों में ब्लैक फंगस  के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को नए सिरे से अलर्ट होना पड़ा है। प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों की तरह सिम्स में भी एक इसके इलाज के लिये 27 बिस्तर का अलग वार्ड तैयार किया गया है। पहले इसमें 3 दिन का समय लगना तय था, पर मरीजों के आने के कारण इससे तैयार कर प्रारंभ कर दिया गया है।  

ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए चल रही तैयारियों पर विधायक शैलेश पांडे ने सिम्स में बैठक ली। सिम्स की डीन डॉ. तृप्ति नगरिया ने ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के लिए सर्जिकल उपकरण और दवा तथा इंजेक्शंस की मांग की। इस पर पांडे ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से फोन पर चर्चा की। उन्होंने विधायक पांडे ने इन्फोटेरीसिन इंजेक्शन सहित अन्य दवाओं की शीघ्र आपूर्ति के लिये आश्वस्त किया। सिम्स में इस समय 4 मरीजों का इलाज चल रहा है। एक मरीज अपोलो अस्पताल से लाया गया क्योंकि ब्लैक फंगस के सभी में रोगियों का सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज होगा। सिम्स के डॉ. आशुतोष कोरी को नोडल अधिकारी भी बनाया गया है। इसके अलावा एक ब्लैक फंगस मॉनिटरिंग कमेटी बनाई गई है जिसके अध्यक्ष डॉ. पंकज टेंभुर्णिकर हैं।

एपीएल श्रेणी के लोगों को नहीं लगे टीके

सामान्य वर्ग के 18 प्लस वैक्सीन की कमी के चलते बार-बार व्यवस्थाएं बदली जा रही है। इसके चलते लोग टीकाकरण केंद्रों में पहुंच रहे हैं और वहां उन्हें लौटाया जा रहा है और हंगामा हो रहा है। शहर के तीन टीकाकरण केन्द्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह दिक्कत जा रही है। कल इन केन्द्रों में टीका लगवाने के लिये लोग खड़े थे पर उन्हें बताया गया कि सीजी टीका एप में रजिस्ट्रेशन कराने वालों का टीका लगेगा। ऐप में रजिस्टर्ड कई लोगों को टीका कम मात्रा में होने की बात कहते हुए लौटा दिया गया। सीएमएचओ ने कहा है कि 18 प्लस के लिये 1 लाख इंजेक्शन मांगे गये हैं, जिसके आने के बाद स्थिति में सुधार होगा। मंगलवार को 18 से 44 साल के भीतर के सभी वर्गों को मिलाकर 2678 लोगों को और 45 साल से अधिक उम्र वाले 432 लोगों को टीका लगाया गया।

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