कोण्डागांव

कोण्डागांव के अशोक ने 24 घंटे लगातार जलने वाला मैजिक लैंप बनाया
30-Oct-2024 10:34 PM
कोण्डागांव के अशोक ने 24 घंटे लगातार जलने वाला मैजिक लैंप बनाया

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

कोंडागांव, 30 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ का कोण्डागांव जिला अपनी समृद्ध कलाओं के लिए जाना जाता है, और इसमें टेराकोटा आर्ट का विशेष स्थान है। टेराकोटा की इस अद्वितीय धरोहर को दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाने वाले कारीगरों में से एक हैं कुम्हारपारा गांव के अशोक चक्रधारी, जिन्होंने अपनी कला के माध्यम से एक ऐसा दिया तैयार किया है, जो दीपावली के मौके पर 24 घंटे से अधिक समय तक जल सकता है।

अशोक चक्रधारी पिछले 46 वर्षों से टेराकोटा आर्ट के क्षेत्र में कार्यरत हैं। यह कला उन्हें अपने पिता से विरासत में मिली, जिन्होंने उन्हें मिट्टी से बेजोड़ कला कृतियां बनाने की प्रेरणा दी। अशोक की कड़ी मेहनत और रचनात्मक सोच का परिणाम रहा कि लगभग 5 साल पहले उन्होंने खास तरीके का मैजिक लैंप बनाया, जिसे न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना मिली। यह लैंप मिट्टी से बना होता है और 24 घंटे, 48 घंटे और 72 घंटे तक जलने की क्षमता रखता है।

 दीपावली के अवसर पर मैजिक लैंप की विशेष मांग रहती है। देश-विदेश में इसके लिए ऑर्डर आते हैं, और इसे त्योहारी सीजन का प्रमुख आकर्षण माना जाता है। अशोक बताते हैं कि उन्होंने इस दिए का पंजीयन या कॉपीराइट नहीं करवाया है ताकि अन्य कुम्हार परिवार भी इसका मॉडल अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकें। उनका यह कदम पूरे समुदाय के आर्थिक उत्थान की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। अगर बिक्री के आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक अशोक के दीयों की 10,000 से अधिक यूनिट्स बिकी थीं। उनका दिया अब दीपावली का प्रतीक बन चुका है, और इसकी लोकप्रियता हर साल नए आयाम छू रही है।

एक नजर में अशोक और उनका परिचय

अशोक चक्रधारी की कला को केवल ग्राहकों से ही नहीं, बल्कि सरकार से भी प्रशंसा मिली है। उन्हें 2004 में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा राज्य स्तरीय शिल्पकार पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जबकि 2016 में उन्हें वस्त्र मंत्रालय की ओर से टेराकोटा के लिए राष्ट्रीय श्रेष्ठता प्रमाण पत्र मिला। इसके अलावा, राज्यपाल ने भी उन्हें उनके असाधारण योगदान के लिए सम्मानित किया है।


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