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फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शनिवार से चार सप्ताह का देशव्यापी लॉकडाउन लगाने की घोषणा की है.
टेलीविज़न पर प्रसारित एक संदेश में उन्होंने कहा कि इस दौरान केवल ज़रूरी सामान की दुकानों को खुलने की इजाज़त होगी और लोगों को दफ्तरों की बजाय घर से काम करना होगा.
साथ ही उन्होंने कहा कि इस दौरान सार्वजनिक सभाओं पर पूरी तरह रोक होगी. उचित कारण के बिना अपने घर से 10 किलोमीटर से अधिक दूर जाने पर रोक होगी.
अगले सप्ताह से स्कूलों को भी कम से कम तीन सप्ताह के लिए बंद रखा जाएगा.
उन्होंने कहा कि इस दौरान पड़ने वाले इस्टर शुक्रवार के दिन लोगों को इजाज़त होगी कि लॉकडाउन के दौरान जहां रहना चाहते हैं वहां जा सकते हैं.
मैक्रों ने कहा कि देश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं लेकिन इस पर काबू पाना अभी मुश्किल नहीं है, ऐसे में लोगों को डरने की ज़रूरत नहीं है.
बीबीसी पेरिस संवाददाता हू श्कोफील्ड बताते हैं कि "राष्ट्रपति ने कहा कि ये कोरोना टीकाकरण और वायरस, ख़ास कर वायरस के ब्रितानी वेरिएंट के फैलने के बीच की रेस है."
मैक्रों ने कहा कि अगर सरकार ने अभी कुछ नहीं किया तो इस पर क़ाबू करना मुश्किल हो सकता है. उन्होंने अप्रैल के आख़िर तक लोगों से वायरस को रोकने के लिए और कोशिश करने की अपील की है.
उन्होंने कहा कि सरकार इस बीच टीकाकरण के काम में तेज़ी लाएगी और गर्मियों के ख़त्म होने तक सरकार 18 साल से अधिक की उम्र वाले सभी लोगों को कोरोना का टीका देगी.
जॉन्स हॉप्किन्स युनिवर्सिटी के डैशबोर्ड के अनुसार फ्रांस में कुल संक्रमितों का आंकड़ा 46.46 लाख पहुंच चुका है जबकि यहां कोराना वायरस से अब तक 95,502 लोगों की मौत हो चुकी है.
देश में फिलहाल 5,000 लोग कोरना के कारण आईसीयू में भर्ती हैं.
हाल के दिनों में यहां ब्रितानी वेरिंएट के वायरस के कारण संक्रमण के मामलों में तेज़ी आई है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 31 मार्च को यहां एक दिन में संक्रमण के 29,575 मामले दर्ज किए गए थे. वहीं 28 मार्च को 41,682 और 29 मार्च को 37,014 मामले दर्ज किए गए थे. (bbc.com)