अंतरराष्ट्रीय

जम्मू, 7 मई। पाकिस्तान की ओर से हो रही गोलीबारी के मद्देनजर नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) के पास रहने वाले सैकड़ों लोगों को बुधवार को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
इससे पहले दिन में पाकिस्तानी सेना ने जम्मू क्षेत्र के पुंछ व राजौरी तथा उत्तरी कश्मीर के बारामूला व कुपवाड़ा के अग्रिम गांवों पर गोलाबारी और मोर्टार से हमला किया जिसमें चार बच्चों और दो महिलाओं समेत 12 लोगों की मौत हो गई तथा 50 से अधिक घायल हो गए।
भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकियों के नौ ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिसके तुरंत बाद सीमापार से गोलीबारी हुई।
भारत ने 22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए यह हमले किए जिसमें 26 लोगों की मौत हुई थी।
अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित जोरियन गांव के निवासी लियाकत अली ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “हालांकि हमारे गांव में सीमा पार से कोई गोलीबारी नहीं हुई है, लेकिन हमें आर एस पुरा में स्थित आईटीआई कॉलेज में स्थानांतरित होने को कहा गया है, जहां मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए सरकार ने हमारे रहने के लिए आवश्यक प्रबंध किए हैं।”
अली ने कहा कि गांव को अतीत में बहुत नुकसान हुआ है और पाकिस्तानी गोलाबारी के कारण यह गांव तबाह हो गया था।
उन्होंने कहा, “हमें अपनी सुरक्षा के लिए बाहर जाने को कहा गया है और हम सरकार के निर्देशों का पालन कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि गांव की आबादी 1,000 से अधिक है, जिनमें से अधिकांश लोग दूध और दूध से बने उत्पाद बेचकर अपनी आजीविका चलाते हैं।
उन्होंने कहा कि हाल ही में पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा नागरिकों की हत्या के बाद वे भारत और पाकिस्तान के बीच बड़े पैमाने पर युद्ध की आशंका से भयभीत हैं।
अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास गगरियां और आसपास के गांवों के निवासियों ने कहा कि उन्हें भी अधिकारियों ने सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा है।
मुंशी राम ने कहा, "हम सीमाओं की सुरक्षा के लिए हमेशा अपने सुरक्षा बलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे हैं। एक पुलिसकर्मी गांव में आया और लोगों से कहा कि वे फिलहाल सरकारी आवास या किसी रिश्तेदार के घर शरण ले लें।”
उन्होंने कहा कि स्थानीय निवासी सुरक्षा एजेंसियों की आंख और कान की तरह हैं, लेकिन मौजूदा युद्ध जैसी स्थिति सीमा के आसपास रहने वाले लोगों के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गई है।
राम ने कहा, “स्थिति सामान्य होने तक फिलहाल किसी अन्य जगह पर रहना सुरक्षित है।”
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा और जम्मू-कश्मीर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रविंदर रैना समेत राजनीतिक नेताओं ने नागरिकों के रिहायशी इलाकों पर पाकिस्तानी गोलाबारी की निंदा की।
कर्रा ने ‘एक्स’ पर कहा, “पाकिस्तान द्वारा पुंछ, मेंढर और उरी सेक्टरों में आम लोगों के क्षेत्रों को निशाना बनाना बेहद निंदनीय है और अंतरराष्ट्रीय नियमों के खिलाफ है। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि वह प्रभावित परिवारों को सुरक्षित तरीके से निकालने और व्यापक पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित करे।”
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से प्रभावित लोगों की सहायता करने का आग्रह किया।
रैना ने भी सीमा के करीब रहने वाले निर्दोष लोगों को निशाना बनाने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की और कहा कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार सीमा पार से होने वाली गोलाबारी से प्रभावित लोगों का उचित पुनर्वास सुनिश्चित करेगी। (भाषा)