अंतरराष्ट्रीय

नेपाल की राजधानी काठमांडू में राजशाही की बहाली के समर्थन में रविवार को प्रदर्शन हुए हैं.
इन प्रदर्शनों को देखते हुए सरकारी इमारतों के आस-पास बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है.
पुलिस ने राजतंत्र समर्थक राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) के कई प्रमुख सदस्यों को सुरक्षा के लिए लगाए गए बैरिकेड को तोड़ने के बाद हिरासत में ले लिया है, जिनमें इसके नेता राजेंद्र लिंगदेन भी शामिल हैं.
इससे पहले नेपाल के गृह मंत्रालय ने क़ानून की अवहेलना करने के ख़िलाफ़ चेतावनी दी थी.
नेपाल में साल 2001 में दरबार हत्याकांड में राजा बीरेंद्र बीर विक्रम सिंह शाह देव के साथ ही राजपरिवार के अधिकतर सदस्यों की हत्या हो गई थी.
इसके बाद, ज्ञानेंद्र शाह को राजा बनाया गया. संवैधानिक राजशाही के बाद साल 2005 में राजा ज्ञानेंद्र शाह ने सरकार को हटाकर पूरी तरह से सत्ता अपने हाथ में ले ली थी.
उनका कहना था कि माओवादियों को पूरी तरह से ख़त्म करने के लिए यह ज़रूरी है.
इसके बाद राजा के ख़िलाफ़ बड़े प्रदर्शन हुए और अंत में साल 2008 में नेपाली संसद ने राजशाही समाप्त करने का प्रस्ताव पारित किया था. इसी तरह से नेपाल एक हिंदू राष्ट्र से एक धर्मनिरपेक्ष गणतंत्र बन गया.
लेकिन हाल ही में हुई राजनीतिक अस्थिरता की वजह से नेपाल में एक बार फिर से राजशाही के प्रति समर्थन बढ़ा है और देश को दोबारा एक हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग भी हो रही है. (bbc.com/hindi)