अंतरराष्ट्रीय
नाजिश जफर
लाहौर, 4 अप्रैल (बीबीसी)। कुछ दिन पहले पाकिस्तान के शहर लाहौर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसकी हेडलाइन थी- ‘ब्रेकिंग न्यूज : लाहौर में योग की इजाज़त नहीं है।’
इस वीडियो को लाहौर के रिहायशी इलाक़े डिफेंस हाउसिंग अथॉरिटी (डीएचए) की इशा अमजद ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से शेयर किया था।
इशा अमजद एक ट्रेनर हैं। उन्होंने यह वीडियो अपने फोन पर उस वक्त रिकॉर्ड किया था जब वह डीएचए में अपने घर के पास एक पब्लिक पार्क में योग करने के लिए गई थीं।
लेकिन उनके योग करने के दौरान उन्हें पहले एक शख्स ने कथित तौर पर परेशान किया। बाद में वहां मौजूद सुरक्षा गार्ड ने उन्हें यह कहकर पार्क से जाने को कहा कि यहां इसकी इजाजत नहीं है।
इस वीडियो और इस घटना के बारे में बीबीसी से बात करते हुए इशा का कहना था कि योग के दौरान पार्क में मौजूद ‘एक मर्द बहुत देर से मुझे घूर रहा था, हंस रहा था, मेरे वीडियो बना रहा था। वह आकर मुझसे कहने लगा कि मेरे साथ टिक टॉक बनाओ और फिर मुझे योग से मना करने लगा।’
उन्होंने इस घटना के बारे में बात करते हुए बताया कि इसके बाद वहां मौजूद एक सिक्योरिटी गार्ड ने भी आकर उन्हें वहां से चले जाने को कहा।
इशा के मुताबिक यह सब उनके लिए नया नहीं था। उन्हें ‘पाकिस्तान में रहते हुए इस बात की आदत पड़ चुकी है।’
वह कहती हैं कि वह गार्ड के पार्क से चले जाने पर वहां से जाने को भी तैयार हो गई थीं लेकिन उन्हें ग़ुस्सा इस बात का था कि उन्हें कथित तौर पर परेशान करने वाला मर्द ही उन्हें बता रहा था कि महिलाओं के लिए पार्क में क्या करना ठीक नहीं है।
इशा कहती हैं कि इसके बारे में जब उन्होंने पार्क में मौजूद सिक्योरिटी गार्ड से शिकायत की तो उसने भी उस शख्स पर कार्रवाई करने और उन्हें सुरक्षा देने के बजाय ख़ुद उन्हें ही वहां से चले जाने को कहा।
वह कहती हैं कि जब उस शख्स की शिकायत की तो गार्ड का जवाब था, ‘मैं उनकी आंखें तो बंद नहीं कर सकता।’
क्यों हो रही ऑनलाइन ट्रोलिंग
इशा के मुताबिक इंस्टाग्राम पर उनका यह वीडियो काफी वायरल हुआ लेकिन जहां बहुत सी महिलाओं ने उनकी पोस्ट्स पर कमेंट में अपने साथ होने वाले ऐसी घटनाओं का जिक्र किया।
वहीं इशा को नफरत भरे ऑनलाइन मैसेज भी मिले जिनमें अशोभनीय है और धमकी भरे शब्द भी थे।
इशा इस बारे में बात करते हुए कहती हैं कि सोशल मीडिया या ऑनलाइन मिलने वाले नफऱत भरे कमेंट्स पार्क से निकाले जाने से ज़्यादा बड़ी समस्या है। ‘वह खौफनाक ट्रोलिंग थी।’
वह कहती हैं कि उन्हें सोशल मीडिया यूजर्स ने जिस तरह आसानी से कमेंट्स में नफरत भरे मैसेज भेजे, वह बहुत खतरनाक है।
वह कहती हैं कि लोगों की ऑनलाइन प्रतिक्रिया देखकर ‘मुझे मेरे घर वालों और सहेलियों के मैसेज आ रहे थे कि तुम पोस्ट पर कमेंट्स ना पढऩा और ना ही उनसे परेशान होना। कुछ ने तो उन कमेंट्स के बाद मुझसे पूछा, इशा तुम ठीक हो ना?’
इशा बताती हैं कि इस घटना के बाद कुछ महिलाओं ने उनसे संपर्क किया और उनका एक ग्रुप मिलकर दोबारा उस पार्क में वजिऱ्श के लिए गया।
एक बार फिर उनके साथ वही सलूक किया गया। उस गार्ड ने उन्हें वहां से चले जाने को कहा। इस बार कुछ महिलाओं के पति भी उनके साथ थे।
सिक्योरिटी गार्ड से बहस के दौरान उन्होंने पार्क के नियम क़ानून पूछे जिसकी कॉपी पार्क के गेट पर रखी गई है। जवाब में जो कागज़़ दिखाया गया उस पर कहीं यह नहीं लिखा था कि पार्क में योग करना मना है। अलबत्ता, मर्दों के लिए लिबास की शर्तें लगाई गई हैं जैसे कि शॉर्ट्स पहनने पर पाबंदी वग़ैरा।
इशा के मुताबिक़ उन्होंने पार्क के अंदर जाने के वक्त वैसा ही लिबास पहन रखा था जो योग जैसी वर्जिश के लिए जरूरी है क्योंकि ‘खुले या ढीले ढाले लिबास में योग करना आसान नहीं होता।’
पार्क में योग पर पाबंदी है?
लाहौर शहर के किसी भी पब्लिक पार्क के व्यवस्थापक या सिक्योरिटी गार्ड से यह सवाल किया जाए कि क्या लाहौर में पार्कों में महिलाओं का योग करना प्रतिबंधित है, तो जवाब में पार्क के लिए तय किए गए नियम कानून दिखाए जाते हैं। इन नियमों में यह कहीं नहीं लिखा गया है कि महिलाएं पार्क में योग नहीं कर सकतीं।
बीबीसी के लिए हमने डीएचए के सुरक्षा अधिकारियों और प्रशासन से बात की तो जवाब में वही लिखित निर्देश दिखाए गए जो पार्क के बाहर भी लगे हुए हैं और जो इशा को भी दिखाए गए थे। इनमें कहीं भी महिलाओं के योग या वजिऱ्श करने पर पाबंदी नहीं है।
दूसरी तरफ़ पाकिस्तान भर के पार्कों में मर्द अक्सर योग करते नजऱ आते हैं।
ठीक उसी तरह जैसे घर से बाहर चहलक़दमी करना, मोटरसाइकिल चलाना या किसी भी काम के लिए अकेले निकलना मर्दों के लिए तो आम बात मानी जाती है लेकिन महिलाओं को किसी भी समय रोक कर कहा जा सकता है कि यह ठीक नहीं।
(बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित) (bbc.com/hindi)