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तेल अवीव, 23 फरवरी। इजराइल ने कहा है कि सैकड़ों फलस्तीनी कैदियों की रिहाई तब तक नहीं की जाएगी ‘‘जब तक कि गाजा में बंधक बनाकर रखे गए और लोगों की रिहाई सुनिश्चित नहीं हो जाती तथा बंधकों को अपमानजनक तरीके से सौंपना’’ बंद नहीं किया जाता।
देश के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने यह बयान रविवार को उस समय दिया जब कैदियों को ले जा रहे वाहन ‘ऑफर जेल’ के मुख्य द्वार से बाहर निकलने के बाद अंदर लौट गए।
हमास ने छह इजराइली बंधकों को शनिवार को रिहा कर दिया था। इसके तुरंत बाद 620 फलस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाना था लेकिन अभी तक ऐसा नहीं किया गया है।
शनिवार को रिहा किए गए छह बंधकों में से पांच को नकाबपोश सशस्त्र चरमपंथी, भीड़ के सामने मंच पर लाए जिसके बाद उन्हें रिहा किया गया। बंधकों को सौंपे जाने के इस तरीके की संयुक्त राष्ट्र और अन्य संगठनों ने निंदा की है।
हमास ने जीवित बचे संभवत: अंतिम छह बंधकों को युद्ध विराम के प्रथम चरण के तहत रिहा कर दिया है।
कैदियों की रिहाई में देरी की इजराइल की घोषणा ने युद्धविराम समझौते के भविष्य को लेकर अचानक और संदेह पैदा कर दिया है।
हमास द्वारा छोड़े गए छह बंधकों में से तीन इजराइली पुरुष हैं, जिन्हें नोवा संगीत समारोह से उस समय कैद किया गया था, जब सात अक्टूबर 2023 को हमास के चरमपंथियों ने हमला किया था। इस हमले के बाद इजराइल ने गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ युद्ध छेड़ा था।
बंधकों में से दो को हमास ने लगभग एक दशक तक बंधक रखा। वे दोनों अकेले ही गाजा में घुसे थे।
पांचों को मंच पर लाया गया और इसके बाद बचावकर्ताओं को सौंपा गया। इस तरीके को ‘रेड क्रॉस’ और इजराइल ने क्रूर और अपमानजनक बताते हुए इसकी निंदा की है।
ओमर वेंकर्ट, ओमर शेम टोव और एलिया कोहेन को हमास के लड़ाकों के साथ खड़ा किया गया। दबाव में दिख रहे शेम टोव ने दो चरमपंथियों के माथे को चूमा और भीड़ को चुंबन दिया। उन्होंने सेना की नकली वर्दी पहन रखी थी, जबकि वे सेना के जवान नहीं हैं।(एपी)