अंतरराष्ट्रीय

-डॉज फ़ॉकनर/सारा रेंसफ़ोर्ड
ईसाई धर्म गुरु पोप फ़्रांसिस की हालत ‘गंभीर’ बनी हुई है. यह जानकारी वेटिकन ने बयान जारी कर दी है.
पोप फ़्रांसिस ‘लंबे समय से अस्थमा’ से जूझ रहे हैं. उनके दोनों फेफड़ों में निमोनिया हो गया है.
वेटिकन की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि “पोप की हालत ख़तरे से बाहर नहीं है”.
88 वर्षीय पोप फ़्रांसिस को सांस संबंधी संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था. शनिवार से उनको सांस लेने में ज़्यादा दिक्कत हो रही है.
वेटिकन की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि “उनकी तबीयत कल की तुलना में ज़्यादा ख़राब” है. उनको ख़ून भी चढ़ाया गया है.
दरअसल, 88 वर्षीय पोप फ़्रांसिस अपने स्वास्थ्य को लेकर सतर्कता बरत रहे थे, लेकिन उनके शरीर को ऑक्सीजन के ‘बेहतर फ्लो’ की ज़रूरत थी.
रोम स्थित जेमिली अस्पताल में पोप फ़्रांसिस का इलाज चल रहा है.
वेटिकन से जुड़े एक एसोसिएट ने बताया कि उनके शरीर में एनीमिया से जुड़े प्लेटलेट्स की संख्या कम होने के कारण उनको ख़ून चढ़ाया जाना ज़रूरी हो गया था. (bbc.com/hindi)