अंतरराष्ट्रीय

ग़ज़ा के फ़लस्तीनियों को अपने यहां लेने इनकार करने वाले देशों को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने चेतावनी दी है.
उन्होंने कहा है, "यदि वे देश फ़लस्तीनियों को अपने यहां जगह नहीं देते हैं, तो मैं उनकी सहायता रोक दूंगा."
दरअसल, जॉर्डन के नेता किंग अब्दुल्लाह द्वितीय वॉशिंगटन, डीसी पहुंच गए हैं. मंगलवार को व्हाइट हाउस में उनकी मुलाक़ात राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होगी.
इस बीच, एक रिपोर्टर ने राष्ट्रपति ट्रंप से ओवल ऑफ़िस में पूछा कि वो किंग अब्दुल्लाह को और ज़्यादा फ़लस्तीनियों को अपने यहां लेने के लिए कैसे राज़ी करेंगे?
इस पर ट्रंप ने कहा, “मुझे लगता है कि वो (किंग अब्दुल्लाह) तैयार हो जाएंगे, और मेरा सोचना है कि बाकी देश भी इस बात के लिए राज़ी होंगे. वे सभी उदार स्वभाव के हैं.”
दरअसल, राष्ट्रपति ट्रंप ने चार फ़रवरी को ग़ज़ा पट्टी पर अमेरिकी नियंत्रण का प्रस्ताव रखा था. उन्होंने कहा था कि उनका देश 'ग़ज़ा पट्टी में काम करेगा.'
इससे पहले ट्रंप ने यह भी कहा था कि फ़लस्तीनियों को मिस्र और जॉर्डन में स्थायी रूप से 'बसाया' जाए. हालांकि, जॉर्डन समेत उस इलाक़े में मौजूद अन्य देशों ने ट्रंप के सुझाव पर आपत्ति दर्ज कराई थी.
इस बारे में अन्य रिपोर्टर ने राष्ट्रपति ट्रंप से सवाल किया कि यदि जॉर्डन और मिस्र ग़ज़ा से फ़लस्तीनियों को अपने पास रखने के लिए राज़ी नहीं होते हैं, तो क्या उनको मिलने वाली सहायता रोक दी जाएगी?
इसके जवाब में ट्रंप ने कहा, “हां, हो सकता है, बिल्कुल, क्यों नहीं? यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो मैं मदद रोक दूंगा, हां.” (bbc.com/hindi)