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पाकिस्तान में आम चुनाव से ठीक एक दिन पहले बलूचिस्तान प्रांत में प्रत्याशियों के दफ़्तरों के बाहर दो बम धमाके हुए. इनमें कम से कम 28 लोगों की मौत हुई और दर्जनों लोग घायल हो गए.
पहले धमाके में 18 लोगों की मौत हुई. ये धमाका क्वेटा के पिशिन ज़िले में हुआ था.
दूसरा धमाका क़िला सैफुल्लाह में हुआ जिसमें नौ लोगों की मौत हुई.
पुलिस अभी भी इन दोनों धमाकों की वजह पता लगाने की कोशिश कर रही है.
संसाधनों से भरपूर बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा और सबसे गरीब प्रांत है. यहां हिंसा का लंबा इतिहास रहा है.
हालांकि, किसी गुट ने अभी तक पिशिन के निर्दलीय प्रत्याशी के दफ्तर के बाहर हुए धमाके की ज़िम्मेदारी नहीं ली है. अधिकारियों का कहना है कि इस धमाके में 25 लोग घायल भी हुए हैं.
सोशल मीडिया पर आई तस्वीरों में धमाके की वजह से पास में खड़ी कार और मोटरबाइकों के टुकड़े होते देखे जा सकते हैं. अधिकारियों ने बीबीसी को बताया कि धमाके के समय चुनाव प्रत्याशी अपने पोलिंग एजेंट से मिल रहे थे.
दूसरे धमाके की पूरी जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है. एक आला पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएफ़पी से कहा कि धमाका क़िला सैफ़ुल्लाह के मुख्य बाज़ार में हुआ. इस धमाके का निशाना जेयूआई-एफ़ पार्टी का चुनाव कार्यालय था.
धमाकों के बाद बलूचिस्तान की सरकार ने कहा है कि गुरुवार को मतदान उस तरह नहीं होंगे, जैसी तैयारी थी.
प्रांत के सूचना मंत्री जैन अख़ाज़ई ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, "हम ये सुनिश्चित करते हैं कि आतंकवादियों को इस अहम लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमज़ोर या बर्बाद नहीं करने देंगे."
पाकिस्तान में करीब 12.8 करोड़ मतदाता हैं. आठ फ़रवरी को यहां मतदान होना है. चुनाव में सुरक्षा की स्थिति को देखते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने ईरान और अफ़ग़ानिस्तान की सीमा को पूरी तरह बंद करने की घोषणा की है. (bbc.com/hindi)