अंतरराष्ट्रीय
हमास और इसराइल के बीच बंधकों की रिहाई और युद्ध में विराम को लेकर समझौते की घोषणा कर दी गई है.
इसराइल की कैबिनेट ने 50 बंधकों की रिहाई को सुरक्षित करने के लिए हमास के साथ समझौते को मंज़ूरी दे दी है.
इसराइल के प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ़ से जारी बयान में कहा गया है कि लड़ाई में चार दिन के विराम के दौरान बंधक रिहा किए जाएंगे.
इस समझौते के तहत अतिरिक्त दस बंधकों की रिहाई पर युद्ध विराम को एक और दिन के लिए बढ़ाया जाएगा.
इसराइल की कैबिनेट ने मंगलवार शाम शुरू हुई एक लंबी बैठक के बाद इस समझौते को मंज़ूरी दी है. कैबिनेट की बैठक बुधवार सुबह तक चली.
कैबिनेट की बैठक से पहले इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा था कि बंधकों की रिहाई के लिए समझौता होने के बावजूद भी हमास के साथ युद्ध जारी रहेगा.
हमास ने 7 अक्तूबर को इसराइल पर हमला किया था. इस हमले में 1200 से अधिक इसराइली मारे गए थे और 200 से अधिक को बंधक बना लिया गया था.
इस हमले के बाद इसराइल ने ग़ज़ा से हमास को समाप्त करने के उद्देश्य से ग़ज़ा पर हमले शुरू किए थे.
ग़ज़ा पर 46 दिनों से इसराइल के हमले जारी हैं और इसराइली सेना ग़ज़ा में बड़ा ज़मीनी सैन्य अभियान भी चला रही है.
हमास ने क्या बताया?
हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक़ इसराइल के सैन्य अभियान में अब तक 14000 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें पांच हज़ार से अधिक बच्चे हैं.
इस बीच हमास ने बताया है कि इसराइली बंधकों के बदले इसराइल की जेलों से 150 फ़लस्तीनियों को रिहा किया जाएगा.
फ़लस्तीनी सूचना केंद्र की तरफ़ से जारी बयान में बताया गया है कि 150 फ़लस्तीनियों के बदले 50 इसराइली बंधकों को रिहा किया जाएगा.
इस समझौते के तहत राहत सामग्री और दवाइयां लेकर आने वाले सैकड़ों ट्रकों को ग़ज़ा में दाख़िल होने की अनुमति दी जाएगी. हमास के मुताबिक़ ईंधन को भी ग़ज़ा में आने दिया जाएगा.
हमास की तरफ़ से जारी बयान में कहा गया है कि संघर्षविराम के दौरान इसराइल ग़ज़ा में ना ही कोई हमला करेगा और ना ही किसी की गिरफ़्तारी करेगा.
हमास के मुताबिक़ संघर्ष विराम के दौरान दक्षिणी ग़ज़ा के ऊपर एयर ट्रैफ़िक पूरी तरह रुक जाएगा जबकि उत्तरी ग़ज़ा में सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक एयर ट्रैफिक बंद रहेगा.
आगे भी बंधकों की रिहाई का रास्ता होगा साफ़
यरूशलम में मौजूद बीबीसी की मध्य-पूर्व संवाददाता योलांडे नेल के मुताबिक़ समझौते को इस तरह तैयार किया गया है कि आगे भी और अधिक बंधकों की रिहाई का रास्ता साफ़ हो सके.
समझौते के तहत शुरुआत में हमास 50 महिला और बाल बंधकों को अलग-अलग रिहा करेगा.
इसराइल की सरकार का कहना है कि हर अतिरिक्त दस बंधकों की रिहाई पर युद्ध में एक दिन का विराम दिया जाएगा.
कई बंधकों के परिवार इस शर्त को अहम मान रहे हैं. बीबीसी संवाददाता से बात करते हुए कुछ बंधकों के परिजनों ने कहा था कि वो नहीं चाहते कि कोई आंशिक समझौता हो.
ये भी माना जा रहा है कि जिन पचास बंधकों को रिहा किया जा रहा है, इनमें वो लोग होंगे जो इसराइली नागरिक हैं या जिनके पास दोहरी नागरिकता है.
वहीं अमेरिका को उम्मीद है कि पचास से अधिक बंधकों को रिहा किया जा सकता है.
अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि पचास से अधिक बंधक रिहा होंगे.
अमेरिका के मुताबिक़ एक चार वर्षीय अमेरिकी बंधक के रिहा होने की भी उम्मीद है.
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि कम से कम तीन अमेरिकी बंधक इस समझौते के तहत रिहा होंगे जिनमें एक चार वर्षीय बच्ची भी है.
मीडिया से बात करते हुए अमेरिकी अधिकारी ने कहा, अबीगेल, जो शुक्रवार को चार साल की होगी, वो भी रिहा हो रही है, अबिगेल के माता-पिता की हमास के हमले में मौत हो गई थी.
अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक़ बंधकों को चार से पांच दिनों के भीतर रिहा कर दिया जाएगा.
अमेरिका ने निभाई अहम भूमिका
माना जा रहा है कि इस समझौते को कराने में अमेरिका ने अहम भूमिका निभाई है.
अमेरिका के विदेश विभाग पर नज़र रखने वाली बीबीसी संवाददाता बारबारा प्लेट अशर के मुताबिक़ इस समझौते को कराने में अमेरिका ने बड़ी भूमिका निभाई है.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, सीआईए के प्रमुख और स्वयं राष्ट्रपति जो बाइडन ये समझौता कराने में शामिल रहे हैं.
अमेरिकी नेताओं ने क़तर और इसराइल के साथ लगातार वार्ताएं कीं ताकि समझौते को अंतिम रूप दिया जा सके.
इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने बाइडन का शुक्रिया अदा करते हुए कहा है कि उन्होंने शर्तों में सुधार किया ताकि ‘कम क़ीमत पर अधिक बंधक’ छुड़ाये जा सकें.
अमेरिका के अपने हित भी इस समझौते से जुड़े हैं. दस अमेरिकी लापता हैं और ये माना जा रहा है कि उन्हें बंधक बनाक रखा गया होगा.
अमेरिका ग़ज़ा जाने वाली राहत सामग्री को बढ़ाने पर भी ज़ोर देता रहा था, इसमें ईंधन भी शामिल है.
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि युद्ध रुकने से ग़ज़ा जाने वाली मानवीय मदद बढ़ेगी.
इसराइल की सरकार ने क्या कहा
वहीं इसराइल की सरकार की तरफ़ से जारी बयान में कहा गया है कि इसराइल की सरकार सभी बंधकों को वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है.
बयान में कहा गया, “इसराइल की सरकार, आईडीएफ़ (सेना), और सुरक्षा सेवाएं युद्ध को जारी रखेंगी ताकि सभी बंधकों को वापस लाने और हमास को पूरी तरह समाप्त किया जा सके और ये सुनिश्चित किया जा सके कि ग़ज़ा से इसराइल को फिर कभी कोई ख़तरा ना हो.”
इसराइल और हमास के बीच बंधकों की रिहाई के लिए हुए इस समझौते से जुड़ी जानकारियां कई दिनों से मीडिया में आ रहीं थीं.
अब इसराइल की सरकार ने इस समझौते पर मुहर लगा दी है और 46 दिन बाद ग़ज़ा में हिंसा रुकने का रास्ता साफ़ हुआ है.
इसी बीच मंगलवार को ब्रिक्स देशों ने एक असाधारण वर्चुअल सम्मेलन में ग़ज़ा में तुरंत संघर्ष-विराम लागू करने की अपील की थी.
इस युद्ध में हो रहे भीषण विनाश और बड़ी तादाद में आम लोगों के मारे जाने की वजह से इसराइल पर युद्ध को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा था.
इसी बीच मंगलवार को एमएसएफ़ (डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स) ने कहा है कि उत्तरी ग़ज़ा के अल-औदा अस्तपताल पर हुए हमले में उसके साथ काम करने वाले तीन डॉक्टरों की मौत हो गई है.
वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया है कि एक अन्य हमले में उसकी एक युवा कर्मचारी की परिवार समेत मौत हो गई है.
लेबनान के टीवी चैनल अल- मायादीन का कहना है कि लेबनान-इसराइल बॉर्डर पर हुए एक हवाई हमले में उसके दो पत्रकारों की मौत हो गई है. इसराइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक 50 से अधिक पत्रकार मारे जा चुके हैं.
वहीं इसराइल की सेना ने ग़ज़ा में अपने सैन्य अभियान के आगे बढ़ने की घोषणा करते हुए कहा है कि उसकी सेना ने जबीलिया कैंप इलाक़े को घेर लिया है और यहां सैन्य अभियान शुरू किया जाएगा. (bbc.com)