अंतरराष्ट्रीय

अमेरिका की पूर्व सांसद तुलसी गबार्ड ने डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ने के बाद राष्ट्रपति जो बाइडन की तुलना एडॉल्फ हिटलर से की है. 41 साल की गबार्ड बीते साल ही प्रतिनिधि सभा से रिटायर हुई थीं.
उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान ये टिप्पणी की. मैनचेस्टर के बाहर शहर में एक बोल्डुक टाउन हॉल कार्यक्रम में तुलसी गबार्ड ने कहा कि बाइडन और हिटलर दोनों नेताओं की एक जैसी मानसिकता है. दोनों ही नेता सत्तावादी व्यवहार को सही ठहराने की कोशिश करते हैं. गबार्ड ने बाइडन की तुलना नाज़ी नेता हिटलर से करते हुए कहा कि इन दोनों को लगता है कि देश को कैसे चलाना है, उनसे बेहतर कोई नहीं जानता.
बाइडन ने पिछले दिनों एक भाषण के दौरान कहा था कि जिन्होंने उन्हें और डेमोक्रेटिक पार्टी को वोट नहीं दिया है और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन कर रहे हैं, वो उग्रपंथी हैं. तुलसी गबार्ड ने कहा कि वह मानती हैं कि डेमोक्रेटिक पार्टी युद्ध को भड़काने में लगी है और नस्लभेद को हवा देने में भी आगे है और यही वजह है कि उन्होंने खुद को डेमोक्रेटिक पार्टी में फिट नहीं पाया. साल 1981 में अमेरिकी समोआ में पैदा हुईं तुलसी गबार्ड ने अमेरिका में सबसे युवा निर्वाचित प्रतिनिधि बनने का इतिहास रचा था. तब वो 21 साल की थीं.
INSTAGRAM/TULSIGABBARD
तुलसी का भारत से रिश्ता
तुलसी गबार्ड के भारत से रिश्ते की बात की जाए तो उनका भारत से कोई नाता नहीं है. उनके माता-पिता भी भारतीय मूल के नहीं हैं. लेकिन हिंदू धर्म मानने की वजह से तुलसी गबार्ड को अमेरिका में रह रहे भारतीय समुदाय का समर्थन मिलता रहा है.
तुलसी के नाम अमेरिकी संसद में पहुंचने वाली पहली हिंदू होने का रिकॉर्ड भी दर्ज है.
तुलसी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़ास समर्थकों में गिना जाता है. साल 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले ही वो मोदी का समर्थन करती रही हैं. जब अमेरिकी सरकार ने साल 2002 के गुजरात दंगों की वजह से तत्कालीन गुजरात सीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिका आने पर प्रतिबंध लगा दिया था तो तुलसी गबार्ड उन चुनिंदा नेताओं में शामिल थीं, जिन्होंने सरकार के इस फ़ैसले की आलोचना की थी. (bbc.com/hindi)