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ईरान में एक महिला महसा आमिनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन थमता हुआ नज़र नहीं आ रहा है. लगातार पांचवे दिन ईरान के अलग-अलग शहरों में विरोध प्रदर्शन जारी है.
बीबीसी को तेहरान, तालेश, मशाद, ज़हेदान, अहवाज़, सिरजन, अमोल, केशम और नौशहर समेत तमाम अन्य शहरों से वीडियो मिले हैं.
इन विरोध प्रदर्शनों में 'तानाशाह की मौत हो' के नारे लगाए जा रहे हैं. ये नारा ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली ख़ामनेई के लिए लगाया जा रहा था.
पांचवे दिन हुए विरोध प्रदर्शनों में प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों से भिड़ते हुए नज़र आए. इसके साथ ही ईरान के कई हिस्सों में सोशल मीडिया एप्स जैसे इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप को प्रतिबंधित कर दिया गया है.
महिलाओं ने लगातार पांचवे दिन भी कई जगहों पर हिजाब जलाकर विरोध करना जारी रखा है.
ईरान में ताज़ा प्रदर्शनों की शुरूआत महसा आमिनी नाम की एक लड़की की पुलिस हिरासत में मौत के बाद शुरू हुए हैं.
ईरान के कुर्दिस्तान प्रांत की 22 वर्षीया महसा आमिनी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी.
उन्हें पिछले हफ़्ते तेहरान में 'हिजाब से जुड़े नियमों का कथित तौर पर पालन नहीं करने के लिए' गिरफ़्तार किया गया था.
तेहरान की मोरलिटी पुलिस का कहना है कि ईरान में 'सार्वजनिक जगहों पर बाल ढँकने और ढीले कपड़े पहनने' के नियम को सख़्ती से लागू करने के सिलसिले में कुछ महिलाएँ हिरासत में ली गई थीं.महसा भी उनमें थीं.
तेहरान पुलिस के कमांडर हुसैन रहीमी ने सोमवार को कहा कि पुलिस के ख़िलाफ़ 'कायराना इल्जाम' लगाए जा रहे हैं. महसा के साथ कोई हिंसा नहीं की गई थी और पुलिस उन्हें ज़िंदा रखने के लिए जो कुछ भी कर सकती थी, पुलिस ने किया. (bbc.com/hindi)