अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक-ए-इंसाफ़ के चेयरमैन इमरान ख़ान ने कहा है कि उन्होंने ताक़तवर लोगों के पांव पकड़ने के बजाए जनता की अदालत में जाने का फ़ैसला किया है.
अख़बार जंग के अनुसार, पत्रकारों से बात करते हुए इमरान ख़ान ने कहा, "बजट के बाद लगता है यह सरकार (शहबाज़ शरीफ़ की सरकार) एक डेढ़ महीने में गिर जाएगी."
उन्होंने कहा कि आईएमएफ़ मौजूदा सरकार को किसी भी सूरत में नहीं मानेगी और दूसरे अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को भी मौजूदा सरकार की अयोग्यता पर पूरा विश्वास है.
इमरान ख़ान ने कहा कि पाकिस्तान में इस समय जो हालात हैं उनसे निकलने का सिर्फ़ एक ही रास्ता है कि जल्द ही आम चुनाव करवा दिए जाएं.
इस अवसर पर उन्होंने फिर कहा कि कोई यह ना समझे कि लॉन्ग मार्च ख़त्म हो गया है.
उनका कहना था, "सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद पूरी ताक़त के साथ लॉन्ग मार्च इस्लामाबाद लाएंगे. हमें हालात का अंदाज़ा है और मुक़ाबला करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. सरकार के फ़ासीवादी हथकंडों का भरपूर मुक़ाबला करने का फ़ैसला किया है." (bbc.com)


